वायु प्रदूषण इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली के लिए सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है. इस गंभीर समस्या से छुटकारा पाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें अलग-अलग हथकंडे भी अपना रही है. इसी कड़ी में धान की पराली व गेहूं की नाड़ से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने उन सभी कृषि यंत्रों पर किसानों को 50 फीसद तक सब्सिडी देना चालू कर दिया है जिनसे धान की पराली व गेहूं की नाड़ से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगेगा.
गौरतलब है इसके नतीजे अभी नज़र नहीं आएंगे बल्कि आगामी फसल के समय पर नजर आएंगे. अब किसान भी पराली व गेहूं की नाड़ से निपटारे के लिए भारी संख्या में इन मशीनरी की खरीददारी कर रहे है. अब इन कृषि उपकरणों से धान की कटाई के बाद पराली व गेहूं की कटाई के बाद नाड़ का आसानी से हल निकल सकेगा. पंजाब के नवांशहर (नौशार) जिले में अब तक ऐसे 180 उपकरणों की खरीद की जा चुकी है.
बताते चले कि अब तक किसान पराली व गेहूं की नाड़ के निपटारे की सही व्यवस्था नहीं होने के वजह से खेतों में इन्हें आग लगा देते थे. सरकार की तमाम रोक व बंदिशों के बावजूद 192 पराली जलाने के मामलों को पकड़ा गया. इसलिए पंजाब सरकार सब्सिडी पर मशीनरी उपलब्ध करवा रही है. इस योजना के तहत सरकार किसानों को 50% तक सब्सिडी दे रही है, जबकि किसान ग्रुपों के द्वारा इस मशीनरी की खरीद पर 80% तक सब्सिडी दी जा रही है.
इन उपकरणों पर मिल रही है सब्सिडी (Subsidy is available on these devices)
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सब्सिडी के उपकरणों में स्ट्रा चौपर, मरल्चर, हैपीसीडर, हाइड्रो मोल्ड बोल्ड प्लाओ, सुपर एसएमएस, जीरोटिल ड्रील, सरब कटर स्पैडर, रोटावेटर समेत रोटरी स्लेशर शामिल है.
बता दें कि धुंए और धुंध की चादर ने इन दिनों पूरे दिल्ली एनसीआर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. जिसका सीधा असर लोगों के सेहत पर देखने को मिल रहा है.