देश के कई राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है ओलावृष्टि की वजह से तो गेहूं और सरसों की लाखों रुपये की फसल बर्बाद हो गई. अगर किसानों को पहले से मौसम की जानकारी होती तो शायद नुकसान इतना ज्यादा नहीं होता. जानकारी होने पर कटी फसल खेतों से समय पर ही हटा दी जाती. जानकारी के अभाव में बारिश या कोई प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान होता है. ऐसे में किसानों के हित में झारखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. किसानों को मौसम खराब होने से पहले ही जानकारी देने के लिए एक खास मशीनरी लगाई जा रही है. जानिए इस मशीन की खासियत और यह कैसे किसानों की करेगी मदद.
हर पंचायत में लगेगी रेनगेज मशीन
झारखंड सरकार किसानों की मदद करने के लिए बड़ा कदम उठा रही है, राज्य की हर पंचायत में रेनगेज मशीन लगाई जाएगी. रेनगेज मशीन की मदद से किसानों को मौसम के खराब होने से पहले ही जानकारी मिल जाएगी, ऐसे में यदि बारिश या ओलावृष्टि जैसा संकट होता है तो किसान अलर्ट होकर कटी फसलों को सुरक्षित स्थान पर ले जा सकेंगे और जो फसल कटी नहीं है उनकी सुरक्षा के इंतजाम भी किसान कर सकेंगे जिससे किसानों को बहुत कम नुकसान होगा.
रेनगेज मशीन के लिए 48 करोड़ का प्रॉविजन
किसानों की मदद के लिए इस सिस्टम को लागू करने के लिए कृषि विभाग और मौसम विभाग प्लानिंग करने में जुटे हुए हैं. झारखंड सरकार ने किसानों की मदद के लिए 48 करोड़ का प्रॉविजन किया है राज्य भर में 25 हजार मौसम केंद्र बनाए जाएंगे जिसकी मदद से दिन में 3 बार मौसम की रिपोर्ट ली जाएगी, फिर रिपोर्ट को सीनियर ऑफिसर को भेजेंगे. इसके बाद ये रिपोर्ट कॉमन सर्विस सेंटर से जारी होगी.
स्थानीय भाषा में मौसम अलर्ट
वहीं मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक मौसम विभाग सचेत और दामिनी ऐप के माध्यम से मौसमी अपडेट देगा. बारिश और आंधी आने पर सचेत ऐप जानकारी देगा जबकि वज्रपात होने की जानकारी दामिनी ऐप से मिल सकेगी जिसको लेकर मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि झारखंड में इस तरह की तकनीक का प्रयोग पहली बार होने जा रहा है. जो कि बहुत बड़ी उपलब्धि है, किसानों की सहूलियत के लिए मौसम अलर्ट स्थानीय भाषा में जारी किया जाएगा.
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