रबी सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में किसान भाइयों ने खेत में रबी सीजन की फसलों की बुवाई करना शुरू कर दिया है. लेकिन फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसानों को बेहतरीन और मजबूत कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है.
जैसे कि आप जानते हैं बाजार में खेती-किसानी से जुड़े कृषि यंत्र बेहद महंगे आते हैं. इसी क्रम में किसानों की मदद के लिए सरकार की ओर से कृषि यंत्र अनुदान योजना भी उपलब्ध करवाती है.
आपको बता दें कि अबतक देश के किसान सरकार की कृषि यंत्र अनुदान योजना से कहीं से भी यंत्र खरीदकर अनुदान प्राप्त कर सकते थे. लेकिन सरकार ने अब इस प्रक्रिया में बड़ा बदलाव कर दिया है. आइए इस बदलाव के बारे में विस्तार से जानते हैं कि अब किसानों को खेती-बाड़ी संबंधित कृषि यंत्रों पर कैसे अनुदान की राशि प्राप्त होगी.
ऐसे मिलेंगी कृषि यंत्रों पर अनुदान की राशि
जैसे कि आपको ऊपर बताया गया है कि अब किसान पहले की तरह कृषि यंत्र कहीं से भी खरीदकर अनुदान प्राप्त नहीं कर सकेंगे. अगर किसान कृषि यंत्र पर अनुदान की राशि प्राप्त करना चाहते हैं, तो किसानों उन्हीं कंपनी से यंत्र खरीदने होंगे, जिसका कृषि विभाग से पंजीकरण सही तरीके से हुआ हो. अगर वह किसी अन्य फर्म से यंत्र को खरीदते हैं, तो उन किसानों को अनुदान की राशि से वंचित कर दिया जाएगा. बता दें कि विभाग प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इनसीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेज्ड्यू योजना के तहत किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाएं जाते हैं.
ऐसे लेते थे किसान अनुदान की राशि
किसान पहले अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अपने क्षेत्र से बाहरी जिलों से कृषि यंत्र खरीदते थे और फिर बाद में बिल लगाकर भुगतान की राशि प्राप्त करते थे. किसानों के इस तरीके से ऐसे कई फर्जीवाड़े होते थे. पिछले वर्ष कृषि यंत्रों पर कई फर्जीवाडे पकड़े भी गए थे. जिसमें किसानों के द्वारा गलत बिल लगाकर सरकार से अधिक राशि लेने की कोशिश की है. इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए कृषि विभाग के द्वारा अनुदान नियमों में बदलाव किया गया है. किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना है कि कृषि यंत्र खरीदते समय स्वयं पुष्टि करनी होगी. इसके लिए किसी दूसरे की पुष्टि को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
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यंत्रों पर 50-90 प्रतिशत तक सब्सिडी (Up to 50-90 percent subsidy on machines)
किसानों की आर्थिक तौर पर मदद करने के लिए कृषि विभाग के द्वारा 50 से 90 प्रतिशत तक कृषि यंत्रों पर अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है. इसके अलावा किसानों को कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाती हैं.