Top 10 Popular Tractors: भारत के 10 सबसे ज्यादा बिकने वाले ट्रैक्टर, जानें कीमत, फीचर्स और ताकत स्वस्थ मछली की सही पहचान ऐसे करें, जानें जरूरी टिप्स और अन्य जानकारी किसानों की ताकत बढ़ाने एडीग्रो एक नया चेहरा! कंपनी के निदेशक अजय जावला ने लॉन्च किया एडीग्रो ब्रांड का लोगो और कृषि उत्पाद किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 24 December, 2017 12:00 AM IST
Machinery

सफलता उन्ही को मिलती है, जिन्हें खुद पर आत्मविश्वास है कि वो इस कार्य को कर सकतें हैं. और ये सोच ही उन्हें सफल बनाती है. जी हां दोस्तों बात है तक़रीबन 11 साल पहले की जब राजस्थान के भारत जिले के दो व्यक्ति अर्जुन कुशवाह और मिस्त्री त्रिलोकिचंद अपने गांव में ही एक दुकान पर मोटर गाड़ियों के टायर में हवा भरने का काम करते थे. और एक दिन वो किसी ट्रक के पहिये की हवा की जाँच कर रहे थे तो उनका हवा भरने का इंजन खराब हो गया. ज्यादा पैसा न होने के कारण वो इंजन सही करने में समर्थ नहीं थे. थोड़ी देर में इंजन का वाल खुला और टैंक में भारी हवा तेजी से बाहर निकलने लगी. ज्यादा दबाव पड़ने के कारण इंजन का पहिया उल्टा चलने लगा. ये सब अपनी आँखों से देख रहे मित्रों ने सोचा कि अगर इसी तरह एक ऐसे इंजन को बनाया जाय जो हवा से चल सके. और फिर शुरू की कोशिश एक नए आविष्कार की.

समय बीता और धीरे धीरे कोशिश ने सफलता का रूप धारण किया और साल 2014 में इस आविष्कार को पूरा कर दिया गया. आज अर्जुन कुशवाह और मिस्त्री त्रिलोकिचंद इस इंजन से खेतों में सिंचाई का कार्य करते हैं.

किसान भाइयों अर्जुन कुशवाह और मिस्त्री त्रिलोकिचंद पढ़े लिखे नही है लेकिन जो आविष्कार उन्होंने किया है वो काबिले तारीफ़ है. बस जरुरत थी मेहनत लगन और आत्मविश्वास की. जब दो अनपढ़ दोस्तों ने अपने सपने को साचा करने की पहल की तो उसे आखिर अंजाम भी दिया. आज 80 फीट की गहराई से इस हवा के इंजन से पानी खींचा जाता है. 11 साल की मेहनत के बाद यह इंजन बनकर तैयार हो गया है. अब अर्जुन कुशवाह और मिस्त्री त्रिलोकिचंद मोटरसाईकिल को हवा से चलाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहें है.

अर्जुन कुशवाह और मिस्त्री त्रिलोकिचंद 11 साल से लगातार हवा के इंजन पर ही शोध कर रहे हैं। अब तक बहुत कुछ सीख चुके हैं.  इसे बनाने में करीब 3.5 लाख रुपए के उपकरण सामान ला चुके हैं। अब दुपहिया चौपहिया वाहनों को हवा से चलाने की योजना बना रहे हैं.

अर्जुन कुशवाह ने बताया, “चमड़े के दो फेफड़े बनाए। इसमें एक छह फुट और दूसरा ढाई फुट का. इसमें से एक बड़े फेफड़े इंजन के ऊपर लगाया. जबकि इंजन के एक पहिए में गाड़ी के तीन पटा दूसरे बड़े पहिए में पांच पटा लगाकर इस तरह सेट किया कि वह थोड़ा से धक्का देने पर भार के कारण फिरते ही रहें। पिस्टन वॉल तो लगाई ही नहीं है.

जब इंजन के पहिए को थोड़ा सा घुमाते हैं तो वह बड़े फेफड़े में हवा देता है. इससे छोटे फेफड़े में हवा पहुंचती है और इंजन धीरे-धीरे स्पीड पकड़ने लगता है. इससे इंजन से पानी खिंचता है. बंद करने के लिए पहिए को ही फिरने से रोकते हैं। हवा से चल नहीं जाए, इसके लिए लोहे की रॉड फंसाते हैं.

English Summary: No diesel na petrol no water, this engine runs through the air.
Published on: 23 December 2017, 10:46 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now