अगर किसान को फसल का कम उत्पादन मिलता है, तो उसका एक मुख्य कारण खेतों में सही कृषि उपकरणों का उपयोग न करना भी होता है. देश में कई कृषि उपकरण तैयार किए जाते हैं, लेकिन अधिकतर किसान उनका उपयोग नहीं कर पाते हैं. आज भी कुछ किसान ऐसे हैं, जो कि बिना ट्रैक्टर के भी खेती कर रहे हैं. ऐसे में खेत अच्छी तरह तैयार नहीं हो पाते हैं और फसल का उत्पादन घट जाता है.
आपको बता दें कि फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किसान को छिड़काव, टिल्टिंग, खुदाई आदि के लिए कृषि उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है. वैसे आज के समय में कृषि क्षेत्र में कई नई तकनीकों का विकास हो रहा है, बस किसानों को समय पर उन तकनीक का उपयोग करना है, जिससे खेती सफल बन पाए. आज हम खेतीबाड़ी संबंधी कुछ खास कृषि उपकरणों की जानकारी देने वाले हैं, जिनका उपयोग हर किसान को करना चाहिए. खास बात है कि इनमें से कुछ कृषि उपकरणों पर सब्सिडी भी दी जाती है.
खेतीबाड़ी में उपयोग होने वाले कृषि उपकरण
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रोटावेटर
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डिस्क हैरो
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कल्टीवेटर
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रोटो बीज ड्रिल
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प्लांटर
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स्प्रेयर
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स्ट्रा-रीपर
रोटावेटर (Rotavator)
इसको रोटरी टिलर भी कहा जाता है. इसका मुख्य उपयोग मिट्टी को तोड़ने और खोदने में किया जाता है. इस मशीन को अधिकतर ट्रैक्टर के पीछे लगाकर इस्तेमाल किया जाता है.
रोटावेटर का उपयोग
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सभी प्रकार की मिट्टियों की जुताई में उपयोग होता है.
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इस मशीन से ईंधन की बचत होती है.
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खेती की मिट्टी को तुरंत तैयार करता है, ताकि पिछली फसल की मिट्टी की नमी का उपयोग हो सके.
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यह मशीन गीले क्षेत्रो में आसानी से काम करती है.
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इस मशीन से लगभग 125 से 1500 मिमी की गहराई तक जुताई कर सकते हैं.
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बीजों की बुवाई में जल्दी होती है.
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फसलों के अवशेष हटाने में उपयोग होती है.
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इस मशीन को किसी भी प्रकार से मोड़ा जा सकता है.
रोटावेटर की कीमत और सब्सिडी
बाजार में इस मशीन के कई मॉडल उपलब्ध हैं. इसकी कीमत लगभग 50 हजार रुपए से शुरू होकर 2 लाख रुपए तक की है. आप यह मशीन सब्सिडी पर भी ले सकते हैं.
कल्टीवेटर (Cultivator)
इस मशीन का उपयोग खरपतवार को खेत से निकाल कर बुवाई करने के लिए किया जाता है. साफ तौर पर यह मशीन मिट्टी को ढीला करने में काम आती है. यह मशीन कई तरह से बनाई जाती है. जैसे स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर, कठोर टाइन कल्टीवेटर, कठोर टाइन फावड़ा, बार पॉइंट कल्टीवेटर आदि.
कल्टीवेटर का उपयोग
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इस मशीन से बीज तैयार किए जाते हैं.
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मिट्टी को गर्म करने का काम करती है.
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खरपतवारों पर नियंत्रण करती है.
कल्टीवेटर की कीमत और सब्सिडी
इस मशीन की कीमत लगभग 25 हजार से शुरू होकर 50 हजार रुपए तक होती है. खास बात है कि इस पर 50 प्रतिशत की छूट मिल जाती हैं.
डिस्क हैरो (Disc Harrow)
इस मशीन द्वारा मिट्टी को तोड़ा और समतल बनाया जाता है. इसके साथ ही खरपतवार को नष्ट करने में उपयोग किया जाता हैं. बता दें कि इस मशीन को ट्रैक्टर से खींचा जाता है. इसमें धातु के दांत लगे होते हैं. यह कई प्रकार से तैयार किया जाता है. जैसे, स्प्रिंग हैरो, रोलर हैरो, चैन हैरो, डिस्क हैरो आदि.
डिस्क हैरो का उपयोग
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मिट्टी को समतल करना
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मिट्टी की गहरी जुताई करना
डिस्क हैरो की कीमत और सब्सिडी
इस मशीन की लगभग 25 हजार से शुरू होकर 1 लाख रुपए तक की होती है. अगर इस पर सब्सिडी मिलती है, तो इसकी 50 प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है.
रोटो बीज ड्रिल (Roto Seed Drill)
इस मशीन के गियर काफी मजबूत और शक्तिशाली होते हैं. इसका उपयोग मुख्य रूप से कटाई के बाद बुवाई के लिए किया जाता है. इसके साथ ही मलबे को कुचलने और मिश्रण के काम भी आती है.
रोटो बीज ड्रिल का उपयोग
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ईंधन की बचत होती है.
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मिट्टी में नमी को संरक्षित करती है.
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बीज का प्रसार होता है.
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उर्वरक का प्रसार होता है.
रोटो बीज ड्रिल की कीमत और सब्सिडी
इसकी कीमत लगभग 50 हजार से शुरू होकर 1 लाख रुपए तक होती है. इस पर 50 प्रतिशत तक की अधिकतम सब्सिडी भी मिल सकती है.
प्लांटर (Planter)
इस कृषि उपकरण को आमतौर पर ट्रैक्टर के पीछे लगाया जाता है, जिससे खेत में पंक्तियों में बीज की बुवाई कर सकते हैं. यह एक ड्रॉबार के साथ ट्रैक्टर से जुड़ा हुआ है.
स्प्रेयर (Sprayer)
यह एक दवा का छिड़काव करने वाला उपकरण है. इसकी मदद से फसलों पर कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव कर सकते हैं. इसको दवाई छिड़कने वाली मशीन भी कहा जाता है. यह कई मॉडल में बनाई जाती है. जैसे, निपटाकर स्प्रेयर, पोर्टेबल पावर स्प्रेयर, नैकपैक पावर स्प्रेयर,मिस्ट डस्ट स्प्रेयर आदि. इसकी कीमत लगभग 3500 रुपए से शुरू होकर 50 हजार तक होती है.
स्ट्रॉ-रीपर (Straw Reaper)
यह मशीन भूसा बनाने का काम करती है. इससे खेत में बचे हुए फसल अवशेष को साफ किया जाता है. इसका उपयोग ट्रैक्टर के साथ होता है. इसकी कीमत लगभग 2 लाख 50 हजार से शुरू होकर 3 लाख 50 हजार रुपए तक होती है. इस पर लगभग 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी मिल जाती है.
ये सभी कृषि उपकरण फसल के उत्पादन को बढ़ाने का काम करते हैं. अगर आपके पास पहले से ही ट्रैक्टर है, तो आप कुछ और कृषि उपकरण लेकर उसमें जोड़ सकते हैं.
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