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Updated on: 11 May, 2022 4:15 PM IST
Kisan Drone

भारत में रासायनिक मुक्त खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ड्रोन किसान यात्रा शुरू की गई थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में अपने बजट भाषण में इस योजना की  घोषणा की थी. सीतारमण ने कहा ड्रोन विकास को सरकार की  चार प्राथमिकताओं में से एक बताया.

वैसे बजट से पहले हीजनवरी, 2022 में किसानों हेतु ड्रोन को अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से ‘कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन’ (SMAM) योजना के लिये संशोधित दिशा-निर्देश जारी किये गए थे.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट में कृषि और कृषि क्षेत्र के लिए बड़े प्रोत्साहन की घोषणा की. इसके एक भाग के रूप में, केंद्र वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पूरे भारत में किसानों को डिजिटल और उच्च तकनीक सेवाएं और रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती देने के लिए किसान ड्रोन के निर्माण व उपयोग के सम्बंध में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की बात कही गई है

क्या है किसान ड्रोन

कुछ समय पहले तक यह धारणा थी कि ड्रोन सशस्त्र बलों और दुश्मनों से लड़ने के लिये होते हैं लेकिन अब यह धारणा बदली है और ड्रोन के हरसंभव उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाने लगा है .

किसान ड्रोन में कीटनाशकों और पोषक तत्वों से भरा एक मानवरहित टैंक होगा. ड्रोन में 5 से 10 किग्रा की उच्च क्षमता होगी. ड्रोन सिर्फ 15 मिनट में करीब एक एकड़ जमीन पर कीटनाशक का छिड़काव करेगा. इससे समय और श्रम की बचत होगी, छिड़काव समान रूप से किया जाएगा ताकि सभी फसलों को लाभ मिले.

किसान ड्रोन का उपयोग

इसका प्रयोग सिर्फ हानिरहित कीटनाशकों के छिड़काव तक ही सीमित नहीं है, खेतों से सब्जियां, फल, आदि बाजारों तक ले जाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाएगा ताकि इन वस्तुओं को कम से कम नुकसान के साथ सीधे बाजार में उपलब्ध कराया जा सके. मछलियों की आपूर्ति भी इसी तरह करने से मछुआरों को भी लाभ होगा.

ड्रोन की बहुआयामी कार्यक्षमता का प्रयोग फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्त्वों के छिड़काव के लिये भी किया जाएगा.

स्वामित्व योजना" के तहत ड्रोन तकनीक के माध्यम से भूमि अभिलेखों का दस्तावेज़ीकरण किया जा रहा है. साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में दवाएँ, टीकों की आपूर्ति तथा इसका उपयोग फसलों पर कीटनाशक आदि के छिड़काव के लिये भी किया जा रहा है.

टिड्डी दलों के हमले के दौरान बचाव के लिए भी सरकार ने तत्परतापूर्वक ड्रोन व हेलीकाप्टर का उपयोग किया था.

रोजगार सृजन के अवसर

इन ड्रोनों के बड़े पैमाने पर विकास से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे . सरकार ने हाल ही में भारत में उनके निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाया है ताकि स्वदेशी तकनीक से ड्रोन का निर्माण हो और भारतीय युवाओं को रोजगार मिले. गरुड़ एयरोस्पेस ने अगले 2 वर्षों में 1 लाख मेड-इन-इंडिया ड्रोन बनाने का लक्ष्य रखा है. इससे युवाओं के लिए नए रोजगार और नए अवसर पैदा होंगे. इससे सिर्फ कृषि क्षेत्र ही नहीं हमारे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा.

किसान ड्रोन को लेकर सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन

कृषि क्षेत्र में ड्रोन के जरिए सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में है. सरकार को उम्मीद है कि इससे किसानों को सुविधा मिलेगी, खेती की लागत घटेगी और आय में बढ़ोतरी होगी . य शुरु में हर गांव में लगभग एक-एक किसान ड्रोन पहुंचाने की योजना है.  केंद्र ने ड्रोन खरीद के लिए आर्थिक मदद देने का फैसला किया है जिसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, लघु और सीमांत किसानों, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए ड्रोन खरीदने के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रावधान है जबकि अन्य किसानों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी.

फार्म मशीनरी ट्रेनिंग और परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद के लिए लागत के 100 फीसदी की दर से सहायता प्रदान करने की योजना है. किसान उत्पादक संगठन को कृषि ड्रोन लागत का 75 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा.

English Summary: Kisan Drone: the new technique will help farmers to earn more, grow more
Published on: 11 May 2022, 04:21 PM IST

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