खेती-किसानी के बिना किसान क्या एक आम आदमी का जीवन भी अधूरा है. जब से सृष्टि में मानव जाती का उदय हुआ है तभी से मानव ने अपने मुंह और पेट के लिए अपने दो हाथों की मेहनत को प्रमुखता दी है.
नदी किनारे रहने को बढ़ावा दिया तो पत्थर युग से मेहनत युग के लिए उसने जानवरों का मांस खाने की बजाए खेती-बाड़ी की तरफ ध्यान दिया. जमीन को खोद कर बीज डाला और पानी देने के पश्चात् उसने फसल उगाना सीखा. यहीं से किसान अन्नदाता बना क्योंकि अन्न उगाना उसकी प्राथमिकता बनी.
जानवरों से दोस्ती करके ज़मीन को ठीक तरह से खेती बाड़ी के लिए बनाने में बैल उसका सच्चा साथी बना. आधुनिक युग में यही खेती-बाड़ी का काम मशीन से होने लगा, जिसमें ट्रैक्टर और पावर ट्रिलर ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई. परिवार बंट गए तो जमीन के टुकड़े भी बंट गए. ऐसे में ट्रैक्टर और ट्रिलर की खरीद उपयोगी लगने लगी. इसमें राज्यों की सरकार ने किसान को सहायता देते हुए ट्रैक्टर और पावर ट्रिलर के लिए किसान के योगदान में अपने योगदान को भी बड़ा दिया.
अब तो किसान आधे दामों ट्रैक्टर और पॉवर ट्रीलर खरीद सकते हैं. आइए जानें की किस तरह यह आधे दामों में मिल सकते हैं :
आज की आधुनिक खेती के युग में बैलों से खेती करने का चलन लगभग खत्म हो गया है. नये-नये कृषि यंत्र आ रहे हैं और इन यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी इन पर भारी छूट दे रही है।
अगर कोई किसान ट्रैक्टर या पॉवर टिलर खरीदना चाहता है तो सरकार उसपर भारी छूट दे रही है. किसान जिसका फायदा ले सकते हैं। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के उप कृषि निदेशक डीपी सिंह बताते हैं. उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को ट्रैक्टर (20 हार्सपावर से कम के ट्रैक्टर) 8 हार्सपावर से कम के पावर टिलर और 8 हार्सपावर से बड़े पावर टिलर पर सरकार अनुदान दे रही है। ट्रैक्टर पर सरकार 75 हज़ार रुपए सब्सिडी देती हैए जिस ट्रैक्टर की कीमत करीब 3 लाख होती हैए जबकि SC और ST कटैगरी में आने वाले किसानों को सरकार एक लाख रुपए की सब्सिडी देती है। इसके अलावा सरकार दो तरीके के पावर टिलर पर अनुदान देती है। पहला 8 हार्स पावर से कम के पावर टिलर पर और 8 हार्स पावर से अधिक के पावर टिलर पर। पावर टिलर डीपी सिंह ने बताया कि 8 हार्सपावर से कम के पावर टिलर जिसकी कीमत एक लाख रुपए होती है. उस पर सरकार 40 प्रतिशत (40000 रुपए) सब्सिडी देती है और जो किसान SC या ST कटैगरी में आते हैं उनको सरकार 50 प्रतिशत (50000 रुपए) अनुदान देती है।
उन्होंने बताया कि 8 हार्सपावर से अधिक के पावर टिलर जिसकी कीमत डेढ़ लाख रुपए होती है उस पर सरकार 60 हज़ार रुपए सब्सिडी देती है और SC या ST कटैगरी के किसानों को सरकार 75000 रुपए अनुदान देती है।
कौन ले सकता है इसका लाभ
किसी भी श्रेणी के किसान ट्रेक्टर को खरीद कर सकते हैं। केवल वे ही किसान पात्र होगे जिन्होने बीते 7 वर्षो में ट्रेक्टर या पावरटिलर खरीद पर विभाग की किसी भी योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ प्राप्त नही किया है। ट्रेक्टर एवं पावरटिलर में से किसी एक पर ही अनुदान का लाभ प्राप्त किया जा सकेगा।
किसान को इसका लाभ लेने के लिए सबसे पहले कृषि विभाग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट www.upagriculture.com पर रजिष्ट्रेशन करना होता है उसके बाद जिला उद्यान अधिकारी के पास सब्सिडी के लिए एप्लीकेशन देना होता है। जिसके साथ में ये प्रूफ देना होता है कि जो यंत्र आप खरीदने जा रहे हैं उसके लिए आपके पास पैसे उपलब्ध हैं क्योंकि सब्सिडी की राशि यंत्र खरीद लेने के बाद किसान को मिलती हैए पहले किसान को पूरा पैसे का भुगतान करना होता है।
ये दस्तावेज हैं जरूरी पंजीकरण के लिए किसान को बैंक खाते की पास बुक की फोटो कापी व आधार कार्ड की कॉपी लाना जरूरी है। यंत्र के मिलने के बाद अनुदान किसान के बैंक खाते में पहुंच जाता है। सब्सिडी के लिए आवेदन करने के लिए एक 10 रुपए का स्टांप सपथ पत्र के रूप में लगाना होता है।