हर दिन खेती करने के तरीकों में परिवर्तन आता जा रहा है. पहले के समय में किसान खेती के लिए पुराने कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करते थे. जिसमें मेहनत और समय के साथ भारी भरकम पैसों की भी बर्बादी होती थी. वहीं, आज के समय में हम बिना मशीन की मदद के खेती करने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं. इस बात में कोई संदेह नहीं कि मशीनों ने खेती के काम को आसान बनाया है लेकिन इन आधुनिक यंत्रों को सभी किसान नहीं खरीद सकते हैं. क्योंकि उनकी कीमत बहुत ज्यादा है. ऐसे में वह अपना काम निकालने के लिए उन मशीनों को किराए पर ले सकते हैं. तो कौन-कौन सी मशीनरी कहां किराए पर मिलेंगी, आइये उनके बारे में विस्तार से जानें.
ट्रैक्टर
खेती में काम आने वाले आधुनिक मशीनों में सबसे पहला नाम ट्रैक्टर का ही आता है. ये खेती से संबंधित कई काम को आसान बनाता है. खेत की जुताई हो या बुवाई,हर जगह ट्रैक्टर का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा,सिंचाई,फसल की कटाई व ढुलाई कार्यों में भी ये मदद करता है. ट्रेक्टर में थ्रेसर सहित कई उपकरणों को जोड़कर खेती किया जाता है. वैसे तो यह हर गांव में आसानी से रेंट पर मिल जाता है. इसके अलावा,किसान,कृषि मंत्रालय द्वारा विकसित किए गए मोबाइल ऐप ”FARMS-फार्म मशीनरी सॉल्यूशंस” के माध्यम से भी घर बैठे इस मशीन को किराए पर ले सकते हैं. सामान्यतः ट्रैक्टर का किराया 500 रुपये प्रति घंटा होता है.
हैप्पी सीडर
खेती के लिए हैप्पी सीडर भी बहुत महत्वपूर्ण है. इस मशीन में रोटर व जीरो टिल ड्रिल होता है. रोटर से धान की पराली को दबाने में मदद मिलती है. इसके अलावा,जीरो टिल ड्रिल से बुवाई करने का काम होता है. हैप्पी सीडर में आगे एक कटर होता है,जो धान के अवशेष को काटकर मिट्टी में दबा देता है. जिससे अवशेष में फंसा बीज भूमि में गिर जाता है. यह मशीन ट्रेक्टर की मदद से चलाया जा सकता है. इसके जरिए एक दिन में लगभग 6 से 8 एकड़ में बुवाई की जा सकती है. यह भी आसानी से किराए पर मिल जाता है. गांव व ”FARMS-फार्म मशीनरी सॉल्यूशंस” मोबाइल ऐप के अलावा इस मशीन को कई ऑनलाइन साइट्स द्वारा भी रेंट पर दिया जाता है.
हार्वेस्टर की कीमत बाजार में 30लाख से ऊपर है. सभी किसान इसे नहीं खरीद सकते हैं,इस मशीन का इस्तेमाल धान की कटाई में होता है. वैसे तो सरकार भी अपने ऐप के माध्यम से इसे किराए पर दे रही है. लेकिन ये मशीन पंजाब में आसानी से किराए पर मिल जाती है. पंजाब से हार्वेस्टर देश के कई इलाकों में जाते हैं और अपनी सेवा देते हैं. प्रति घंटे इसका किराया 2900रुपये होता है. इसके अलावा,खेती के काम में रोटो सीड ड्रिल मशीन,पावर टिलर,रोटावेटर जैसी आधुनिक मशीनों का भी इस्तेमाल होता है. जो आसानी से स्थानीय इलाकों या कृषि मंत्रालय द्वारा विकसित किए गए मोबाइल ऐप पर किराए पर मिल जाती हैं.
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