हमारे देश की आधी से अधिक आबादी खेती पर निर्भर है और इस बदलते आधुनिक वैज्ञानिक युग में खेती के लिए किसानों को खेती से जुड़े नए उपकरणों की जरुरत होती है. देश के कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या लगातार घटती जा रही है और मजदूरी दर में भी इजाफा हो रहा है. ऐसे में किसानों की बढ़ती परेशानी के लिए खेत की जुताई से लेकर फसलों की कटाई तक कृषि यंत्रों का उपयोग किया जा सकता है. इन उपकरणों की खरीद के लिए सरकार किसानों को अनुदान भी मुहैया करा रही है.
छत्तीसगढ़ में कृषि यांत्रिकीकरण योजना
छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में कृषि यांत्रिकीकरण योजना की शुरुआत की है. सरकार इस माध्यम से राज्य के किसानों को खेती के उपकरण के उपयोग का बढ़ावा देने के लिए यह अनुदान दे रही है. इस अनुदान में सामान्य वर्ग के किसानों के साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिला कृषकों को भी इन उपकरणों की खरीद पर 60 से 70 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है. इसके अलावा सरकार किसानों को इन कृषि यंत्रों की खरीद पर बैंक से लोन भी प्रदान करा रही है.
तमिलनाडु सरकार की योजना
तमिलनाडु सरकार ने राज्य के किसानों को पावर, टिलर, सीड ड्रिल, जीरो- टिल और सीड फर्टिलाइजर जैसे कृषि उपकरणों की खरीद पर अनुदान दे रही है. सरकार ने पावर स्पेयर की खऱीद पर 40 प्रतिशत और एससी एवं एसटी के किसानों को 60 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है.
यूपी और महाराष्ट्र में कितनी है सब्सिडी
उत्तरप्रदेश सरकार राज्य के किसानों को ट्रैक्टर की खरीद पर 30 प्रतिशत और अधिकतम 50,000 रुपये तक की सब्सिडी दे रही है. इनमें महिंद्रा, स्वराज और सोनालिका के ट्रैक्टरों पर अनुदान दिया जा रहा है. महाराष्ट सरकरार ने फार्म मशीनीकरण योजना के तहत छोटे किसानों को ट्रैक्टर की खरीद पर 50 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है.
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गुजरात और असम में मिलेगा यह लाभ
गुजरात के किसानों के लिए सामान्य वर्ग के किसानों को 25 प्रतिशत और अन्य वर्ग के लोगों के लिए 35 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है. असम के किसानों के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य उन्नयन योजना के तहत ट्रैक्टर की खरीद पर 70 प्रतिशत तक की छूट दे रही है.