देश के लगभग सभी क्षेत्रों में किसान खेतीबाड़ी से अपना जीवन यापन करते हैं. मगर जिन क्षेत्रों में पानी की कमी रहती है, वहां किसानों के लिए खेती करना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में किसान बूंद-बूंद सिंचाई (Irrigation) के साथ आजकल रेनगन का इस्तेमाल करने लगे हैं. कई जगह रेनगन (Rain Gun) को वाटर गन भी कहा जाता है. खास बात है कि इस विधि से सिंचाई करने के लिए सरकार की तरफ से किसानों को अनुदान भी उलपब्ध करवाया जाता है. आइए अपने किसान भाईयों को रेनगन संबंधी कुछ ज़रूरी जानकारी देते हैं.
क्या है रेनगन (What is rain gun?)
इसकी खास बात यह है कि इससे फसलों को बारिश की तरह पानी मिलता है. इससे रेनगन से सिंचाई करने पर न केवल पानी कम की बचत होती है, बल्कि कम समय में खेत की सिंचाई की जा सकती है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पानी की कमी वाले इलाकों में सिंचाई के लिए किसानों को रेनगन का इस्तेमाल करना चाहिए. आजकल कई किसान रेनगन फव्वारा मशीन से सिंचाई करके खेती कर रहे हैं.
रेनगन से सिंचाई (Rain gun irrigation)
रेनगन को एक स्टैंड के सहारे लगभग 45 से 180 डिग्री के कोण पर खेत की सिंचाई वाले हिस्से में खड़ा कर दिया जाता है. इसका दूसरा सिरा पंप सेट की पानी आपूर्ति करने वाली पाइप से जुड़ा होता है. इसके बाद रेनगन में पानी का दबाव बढ़ता है और इसके ऊपरी भाग में फव्वारा लगा होता है, जिससे लगभग 100 फीट की परिधि में चारों ओर वर्षा की बूंदों की तरह पानी निकालता है. इस तरह फसल की सिंचाई की जा सकती है. जानकारों का कहना है कि इससे डीजल और बिजली, दोनों की भी बचत होती है. बता दें कि 3 इंच के 1 सबर्मसिबल पंप से 3 रेनगन एक साथ चलाई जा सकती हैं.
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रेनगन है बहुत उपयोगी (Rain gun is very useful)
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यह बारिश की तरह पानी सिंचित करने की एक तकनीक है.
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गिअर तकनीक के आधार पर होने की वजह से एक समान तेजी से पूरे, अर्धगोलाकार में किसी भी कोने में ये घूम सकती है.
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यह सभी प्रकार की फसलों के लिए उपयोगी है. जैसे गन्ना, मक्का, कपास, चारा, गेहू, मूंगफली, बाजरा, सोयाबीन, सब्जी, मिर्च, प्याज, आलू, चाय, कॉफी आदि.
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इसका इस्तेमास लॉन और खेल के मैदान पर भी कर सकते हैं.
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इससे समय और लागत, दोनों की बचत होती है.
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कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी है.
रेनगन की कीमत (Rain gun price)
यह किट थोड़ी महंगी आती है, इसलिए इसकी कीमत कम करने के लिए प्रयास करने की जरूरत है, ताकि देश के अधिकतर किसान इसका उपयोग कर पाएं. बता दें कि डार्क जोन वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्ध होना काफी मुश्किल है, इसलिए किसान कृषि योग्य भूमि होते हुए भी खेती नहीं पाते हैं. मगर किसान सिंचाई के नवाचारों का प्रयोग करके खेती कर सकते हैं. बाजार में अलग-अलग क्षमता की रेनगन उपलब्ध होती हैं, जिनके जरिए खेत में फसलों को अच्छी तरह से पानी दिया जा सकता है.
रेनगन पर सब्सिडी (Subsidy on rain gun)
किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत फव्वारा, रेनगन और ड्रिप इरिगेशन से सिंचाई के लिए अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है. राजस्थान में कई जगह किसान रेनगन की मदद से सिंचाई कर रहे हैं. कई जगह 2 हेक्टेयर से कम जमीन वाले एरिया में खेती करने पर किसानों को अच्छी सब्सिडी दी जाती है.
रेनगन पर अनुदान के लिए आवेदन (Application for subsidy on Rain gun)
अगर किसान रेनगन पर अनुदान चाहते हैं, तो वह अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. बता दें कि किसानों को सिंचाई की इस नई तकनीक से अच्छा लाभ होगा.
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