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Updated on: 3 August, 2021 5:21 PM IST
CMERI Tractor Mounted Spading Machine

किसी भी फसल की खेती के अभ्यास में पहली गतिविधि बीज या बीज के अंकुरण के लिए एक वांछनीय बीज क्यारी बनाने को लेकर मिट्टी की जुताई है. ट्रैक्टर की ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा बीज के लिए क्यारी तैयार करने में उपयोग किया जाता है, जिससे किसानों पर उच्च परिचालन लागत आती है.

 केन्द्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुर स्तिथ वैज्ञानिक औद्योगिक अनुसन्धान परिषद् के (सीमेरी) सी एम् ईआर आई ने ट्रैक्टर के साथ लगने वाली ट्रैक्टर चालित स्पैडिंग मशीन का विकास किया है.

सीएमईआरआई में विकसित स्पैडिंग मशीन जुताई के संचालन की लागत को कम करती है और इसकी प्रभावशीलता में सुधार करती है. सीएसआईआर-सीएमईआरआई स्पैडिंग प्रणाली का डिजाइनकंपन को कम करने और ट्रैक्टर चालक की सुविधा को बढ़ाने के संबंध में लाभप्रद है. सीएसआईआर-केन्द्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) हरीश हिरानी ने ट्रैक्टर चालित स्पैडिंग मशीन और बीज क्यारी तैयार करने में इसके अनुप्रयोग के बारे में जानकारी दी. वरिष्ठ वैज्ञानिक जगदीश माणिकराव ने प्रोफेसर हरीश हिरानी के मार्गदर्शन में इस तकनीक के विकास पर काम किया है.

उन्होंने मशीन की कार्यप्रणाली और अन्य तकनीकी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि अन्य जुताई उपकरणों की तुलना में यह मशीन उप-सतह की मिट्टी का कोई संघनन नहीं करती है और मिट्टी की वायुजीवी गुणवत्ता व जल निकासी में सुधार करती है. यह मशीन अपने समरूप कामकाज और मिट्टी के एक समान मोड़ के कारण बड़े कार्बनिक पदार्थों को भी शामिल कर सकती है.

स्पैडिंग मशीन ट्रैक्टर पीटीओ से संचालित होती है जो 540 आरपीएम की मानक गति से घूमती है, स्पीड रिडक्शन गियर के माध्यम से क्रैंक को ताकत दी जाती है. इस मशीन की कार्य चौड़ाई 1800 मिलीमीटर है और इसे 45 एचपी से अधिक शक्ति वाले किसी भी ट्रैक्टर से संचालित किया जा सकता है.

फार्म मशीनरी एंड प्रेसिजन एग्रीकल्चर के प्रमुख, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप राजन ने आगे विस्तार से बताया कि इसका मुख्य लाभ उप-सतह की मिट्टी की परतों में कम संघनन है, जिससे उप-मृदा की आवश्यकता समाप्त हो जाती है. यह इस तथ्य के कारण है कि खुदाई के दौरान मिट्टी का टूटना हाथ से की जाने वाली निराई के समान है क्योंकि यह हाथ से मिट्टी काटने की क्रिया का अनुकरण करता है.

प्रोफेसर हिरानी ने नई विकसित कृषि प्रौद्योगिकी को राष्ट्र को समर्पित किया व उन एमएसएमई को प्रोत्साहित किया, जिनके पास एमबी हल और रोटावेटर आदि जैसे जुताई उपकरण के लिए विनिर्माण सुविधाएं थीं और जो भारतीय छोटे व सीमांत किसानों को अधिकतम उपयोग के लिए प्रौद्योगिकी पहुंचाने वाले स्टार्ट-अप्स हैं.

English Summary: Country's farmers got tractor driven spading machine
Published on: 03 August 2021, 05:32 PM IST

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