मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 3 August, 2021 5:21 PM IST
CMERI Tractor Mounted Spading Machine

किसी भी फसल की खेती के अभ्यास में पहली गतिविधि बीज या बीज के अंकुरण के लिए एक वांछनीय बीज क्यारी बनाने को लेकर मिट्टी की जुताई है. ट्रैक्टर की ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा बीज के लिए क्यारी तैयार करने में उपयोग किया जाता है, जिससे किसानों पर उच्च परिचालन लागत आती है.

 केन्द्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुर स्तिथ वैज्ञानिक औद्योगिक अनुसन्धान परिषद् के (सीमेरी) सी एम् ईआर आई ने ट्रैक्टर के साथ लगने वाली ट्रैक्टर चालित स्पैडिंग मशीन का विकास किया है.

सीएमईआरआई में विकसित स्पैडिंग मशीन जुताई के संचालन की लागत को कम करती है और इसकी प्रभावशीलता में सुधार करती है. सीएसआईआर-सीएमईआरआई स्पैडिंग प्रणाली का डिजाइनकंपन को कम करने और ट्रैक्टर चालक की सुविधा को बढ़ाने के संबंध में लाभप्रद है. सीएसआईआर-केन्द्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) हरीश हिरानी ने ट्रैक्टर चालित स्पैडिंग मशीन और बीज क्यारी तैयार करने में इसके अनुप्रयोग के बारे में जानकारी दी. वरिष्ठ वैज्ञानिक जगदीश माणिकराव ने प्रोफेसर हरीश हिरानी के मार्गदर्शन में इस तकनीक के विकास पर काम किया है.

उन्होंने मशीन की कार्यप्रणाली और अन्य तकनीकी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि अन्य जुताई उपकरणों की तुलना में यह मशीन उप-सतह की मिट्टी का कोई संघनन नहीं करती है और मिट्टी की वायुजीवी गुणवत्ता व जल निकासी में सुधार करती है. यह मशीन अपने समरूप कामकाज और मिट्टी के एक समान मोड़ के कारण बड़े कार्बनिक पदार्थों को भी शामिल कर सकती है.

स्पैडिंग मशीन ट्रैक्टर पीटीओ से संचालित होती है जो 540 आरपीएम की मानक गति से घूमती है, स्पीड रिडक्शन गियर के माध्यम से क्रैंक को ताकत दी जाती है. इस मशीन की कार्य चौड़ाई 1800 मिलीमीटर है और इसे 45 एचपी से अधिक शक्ति वाले किसी भी ट्रैक्टर से संचालित किया जा सकता है.

फार्म मशीनरी एंड प्रेसिजन एग्रीकल्चर के प्रमुख, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप राजन ने आगे विस्तार से बताया कि इसका मुख्य लाभ उप-सतह की मिट्टी की परतों में कम संघनन है, जिससे उप-मृदा की आवश्यकता समाप्त हो जाती है. यह इस तथ्य के कारण है कि खुदाई के दौरान मिट्टी का टूटना हाथ से की जाने वाली निराई के समान है क्योंकि यह हाथ से मिट्टी काटने की क्रिया का अनुकरण करता है.

प्रोफेसर हिरानी ने नई विकसित कृषि प्रौद्योगिकी को राष्ट्र को समर्पित किया व उन एमएसएमई को प्रोत्साहित किया, जिनके पास एमबी हल और रोटावेटर आदि जैसे जुताई उपकरण के लिए विनिर्माण सुविधाएं थीं और जो भारतीय छोटे व सीमांत किसानों को अधिकतम उपयोग के लिए प्रौद्योगिकी पहुंचाने वाले स्टार्ट-अप्स हैं.

English Summary: Country's farmers got tractor driven spading machine
Published on: 03 August 2021, 05:32 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now