बरसात का मौसम आने वाला है. इस मौसम में प्राय ऐसी घटनाएं सुनने और देखने को मिल जाती है कि फलाने गांव में ट्रैक्टर पलट गया या ट्रैक्टर स्लिप हो गया. दरअसल खेती गाड़ी में टायर्स का अहम रोल होता है, लेकिन किसान भाई इस तरफ ध्यान नहीं दे पाते.
टायर को बदलना क्यों है जरूरी (Why is it important to change tires)
गाड़ी की अच्छी साफ-सफाई और सर्विस के बाद भी टायर्स बदलने पर ध्यान नहीं दिया जाता. खराब टायर्स को कई-कई साल तक चलाने का ही परिणाम होता है कि किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो जाती है, जिसमें जान-माल का नुकसान हो जाता है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगें कि खेती गाड़ी के टायर् कब बदल देने चाहिए.
संकेतों को समझें (Understand the signs)
एक टायर की लाइफ कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे- ड्राइविंग स्टाइल, रोड की स्थिति, स्पीड, लोड, प्रेशर आदि. अगर आपके गाड़ी की टायर खराब है तो आप कुछ बातों से इसका पता लगा सकते हैं. कुछ आसान से संकेतों को समझा जा सकता है.
ब्रेक और टायर (Brakes and tyres)
ब्रेक मारने के बाद अगर ट्रैक्टर स्लिप करता है, तो आपके टायर खराब हो चुके हैं. टॉयर की उपरी परत अगर समाप्त हो गई है, तो सावधान हो होने का समय आ गया है.
समय सीमा (Time limit)
अगर गाड़ी का टायर पांच साल पुराना हो गया है, तो हर 6 महीने में एक बार जरूर उसका चैकअप कराएं. खराब और पथरिले रास्तों पर ज्यादा चलने के कारण टायर्स की लाइफ कम ही होती है.
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उभार
टायर्स में उभार आने का मतलब है, उसे बदलने का समय आ गया है. इसी तरह साइड हिस्सों पर दरार आने का मतलब है कि आपका टायर कमजोर हो गया है.
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