खरीफ फसलों की कटाई होते ही किसान खेतों को रबी फसल की बुआई के लिए तैयार करना शुरू कर देंगे. इसके साथ ही वह कई तरह की आधुनिक मशीनों का प्रयोग कर खेतों को तैयार करने से लेकर बीजों की बुआई, निराई-गुड़ाई और फसलों की कटाई तक करते हैं. आज हम आपको रबी की फसलों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
इन यंत्रों में मिट्टी पलटने वाला हल, कल्टीवेटर, तवेदार हैरो, ट्रैक्टर चालित रोटावेटर एवं पावर टिलर, ढ़ेला तोड़ने का यंत्र, ट्रैक्टर चालित नाली एवं मेड़ बनाने की मशीन आदि शामिल हैं. तो चलिए कुछ ख़ास कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं जिनका प्रयोग हम रबी की फसल में कर सकते हैं.
सीड-कम-फर्टीड्रिलसीड
इस मशीन से हम उर्वरक व बीजों की बुआई करते हैं जिसके चलते किसानों को ज्यादा पैदावार मिलती है. दरअसल यह उर्वरक को भी मिट्टी में मिलाने का काम करता है. जिससे फसलों की उत्पादन क्षमता बढती है. सीड-कम-फर्टीड्रिल से बुआई करने पर किसान 15 से 20 प्रतिशत तक बीजों की भी बचत कर सकते हैं. इससे हम गेहूं, जौ, चना आदि फसलों की बुआई करते हैं.
हैन्ड हो/व्हील हो/बहुउद्देशीय व्हील हो
इसका उपयोग खेतों में निराई और गुड़ाई के लिए किया जाता है. हैन्ड हो/व्हील हो/बहुउद्देशीय व्हील हो के प्रयोग से समय और मेहनत दोनों की बचत होती है. इसके साथ ही किसानों को ज्यादा मजदूरों की आवश्यकता नहीं होती है. इसका प्रयोग हम चना जैसी फसलों के लिए ज्यादा करते हैं.
मल्टीक्राप थ्रेसर
यह मशीन फसलों को कटाने और भूसा तैयार करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है. गेंहूं, जौ जैसी फसलों को काटने के लिए प्रयोग किया जाता है. यह थ्रेसर मशीन कुछ ही घंटों में कई कुंतल गेहूं को चारा बना सकती है. आज के आधुनिक थ्रेसर फसलों से चारा बनाने के साथ ही साथ उनसे दाना निकालने का भी काम करते हैं. सरकार इन मशीनों के लिए किसानों को सब्सिडी भी देती है. वर्तमान समय में कई राज्य सरकारें 50 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान कर रही हैं.
कृषि ड्रोन
कृषि में ड्रोन का प्रयोग आधुनिक कृषि क्रांति का प्रतीक भी है. सरकार इस दिशा में लगातार सुलभ और सस्ता बनाने का प्रयास कर रही है. इसके माध्यम से हम कीटनाशकों का छिड़काव, उर्वरकों का छिड़काव के कामों को बहुत ही आसानी से और कम समय में निपटा सकते हैं.
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इसके लिए आपको स्किल्ड सहायक की जरूरत होगी जो ड्रोन को आसानी से चला सके. इसका प्रयोग हम सभी (रबी, खरीफ और जायद) की फसलों में कर सकते हैं.