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Updated on: 10 August, 2019 4:09 PM IST

धतूरा एक पादप है. यह लगभग एक मीटर ऊंचा होता है. यह वृक्ष काला और सफेद दो रंगों में होता है. वैसे तो धतूरे को हिंदू धर्म के अनुसार शंकर जी पर चढ़ाते है. अगर आयुर्वेद की बात करें तो ग्रथों में इसको विष वर्ग में रखा गया है. आयुर्वेद के अनुसार धतूरा से कई तरह के रोग दूर हो जाते है. धतूरे के कोमल पत्तों को भी काफी उपयोग किया जाता है. इस वक्त सावन का महीना चल रहा है ऐसे में इसे सबसे ज्यादा चढ़ावे के रूप में भी उपयोग किया जाता है. यह एक प्रकार का जंगली फल होता है. इसका प्रयोग कई तरह की समस्याओं में किया जाता है. तो आइए जानते है कि धतूरे के कौन-कौन से फायदे है जो इसको काफी उपयोगी बनाते है-

धतूरे का प्रयोग

गठिया का रोग

जब भी आपको गठिया का दर्द होता है तो धतूरे के पंचांग का रस निकलकर उसको तिल के तेल में पकाकर और बाद में इसके तेल को निकालकर मालिश करके धतूरा के पत्ते बांध देने पर गठिया और बाई का दर्द ठीक हो जाता है. इसकी पत्तों की पोटली बनाकर आप हड्डी के दर्द में लाभ पा सकते है.

कान की सूजन

धतूरे के पत्तों के रस को आग पर गढ़ा करके कान के पीछे आई सूजन को कम करने में सहायक होती है. आप इसके पत्तों को गर्म करके दो से तीन बूंद को कान में टपकाने से कान के दर्द से छुटकारा मिल जाता है.

बिच्छू दंश

अगर आपको बिच्छू ने काट लिया है तो धतूरा आपके लिए काफी सहायक होता है. अगर आप धतूरे के पत्ते की लुगदी को बना लेंगे तो इसे बिच्छू दंश पर लगाने से आराम मिलेगा.  

आंखों का दर्द

अगर आपकी आंखों में दर्द हो रहा है तो आप पके हुए धतूरे के पत्ते का रस और नीम के कोमल पत्तों का रस लएक मिलाकर निकाल कर इसको डालने से आंखों के दर्द में काफी छुटकारा मिलता है.

पुराने जुकाम को दूर करें

धतूरे के बीज को जलाकर इसका प्रयोग बुखार और जुकाम  में जमे हुए कफ को दूर करने के लिए किया जाता था.

सिर के जूं से राहत

धतूरे के पत्ते के रस में थोड़ा सा कपूर को मिलाकर उसमें कपड़े या रूई को भिगोकर उसको सिर पर बांध देने से अरूंषिका में भी लाभ मिलता है. इससे सिर के जूं और कीड़े भी मर जाते है. इसके तेल को सिर में लगाने से सिर की छोटी- छोटी फुंसियां ठीक हो जाती है.

English Summary: Use of Dhatura is a panacea for your health
Published on: 10 August 2019, 04:12 PM IST

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