गर्मी के सीजन में तरबूज खाना अच्छी बात होती है. वैसे तो तरबूज इन्ही दिनों आता है और आप इसे आसानी से फ्रीज में ठंडा करके रख सकते है. लेकिन कई बार हम जब बाजार जाते है तो तरबूज को खरीदते वक्त हमारे मन में सवाल रहता है कि यह तरबूज मीठा है या नहीं है. अक्सर तरबूज को बेचने वाले तरबूज के कटे हुए पीस को दिखाते हैं कहते कि तरबूज पूरी तरह से मीठा है लेकिन यह तरबूज को मीठा दिखाने का सही तरीका नहीं है. इसीलिए आज हम आपको बता रहे है कि वह कौन सा तरीका है जिसके सहारे आप यह पहचान सकते हैं कि तरबूज पूरी तरह से मीठा है या नहीं है-
तरबूज के ऊपर धब्बे
तरबूज के ऊपर सफेद, पीले, नारंगी कलर के धब्बे पाए जाते है. धब्बे वाले यह तरबूज पके और मीठे होते है. दरअसल यह वह तरबूज होता है जहां पर यह जमीन पर रखा जाता है.
बड़ा तरबूज न लें
कई बार लोग तरबूज को उसका आकार देखकर ही खरीदते है. लोग समझते हैं कि बड़े आकार का तरबूज मीठा ज्यादा होता है लेकिन यह सबसे बड़ा झूठ है. इसीलिए कोशिश करें कि आप छोटा ही तरबूज खरीदे वो ज्यादा मीठा होता है.
तरबूज की पूंछ
तरबूज की पूंछ दर्शाती है कि वह कितने हद तक पका है. हरी पूंछ का मतलब है कि तरबूज बेहद ही जल्दी पकने वाला होता है और सूखी पूंछ का मतलब होता है कि वह पूरी तरह से पक चुका है.
रंग से पहचाने
कच्चा तरबूज देखने में गाढ़े रंग का होता है और सबसे ज्यादा चमकदार होता है जबकि पूरी तरह से पका हुआ तरबूज ऐसा नहीं होता है. कच्चे तरबूज की खाल थोड़ी पक्की और मजबूत ही होती है.
आवाज
कई बार लोग तरबूज को खरीदते समय उसे हाथ से थपथपाकर देखते है. तरबूज को उंगलियों के जोड़ों से हल्के से खटखटाकर देख लें. जो तरबूज बढ़िया पका हुआ होता है, कच्चे तरबूज की तुलना में तेज आवाज पैदा करता है. अगर तरबूज हल्की आवाज करें तो वह कच्चा है.
तरबूज के काफी फायदे होते है वह शरीर में आपकी गर्मी से राहत देता है. वहीं इसे खाने से आपके शरीर में पानी का स्तर ठीक बना रहता है.यह त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद होता है.