जायफल एक सहाबहार वृक्ष होता है. इससे दो तरह के मसाले प्राप्त होते है - जायफल और जावित्री . यह चीन, ताइवान, मलेशिया, ग्रेनेडा, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका में खूब पैदा होता है. मिरिस्टिका नाम वृक्ष से जायफल और जावित्री आसानी से प्राप्त होती है. इसकी अनेक जातियां होती है. इसके पुष्प गुच्छेदार, कक्षस्थ होते है. मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते है. इस वृक्ष का फल छोटी नाशपाती के रूप में दिखाई पड़ता है. यह डेढ़ इंच लंबा, हल्के लाल और पीले रंग का होता है. जावित्री के भीतर गुठली होती है जिसे काष्ठवत खोल को तोड़ने पर भीतर से जायफल प्राप्त होता है. जायफल का वास्तविक नाम मिरिस्टिका फ्रेगरेंस होता है इसे संस्कृत भाषा में जातीफल कहते है.
कई औषधीय गुण होते है
जायफल में कई तरह के पोषक तत्व, एंटीऑक्साइड, विटामिन, मिनरल्स, एंटी इंफ्लीमेंटरी गुण से भरपूर होता है साथ ही यह कई तरह की बीमारियों को भी दूर करता है. यह अस्थमा, पेड़ के कीड़ें, उल्टी, सर्दी जुकाम, आदि में भी लाभप्रद होता है. जायफल से कई तरह के ज्योतिष फायदे भी प्राप्त होते है. भारतीय शास्त्रों के अनुसार पन्ना, चावल, शहद, सोना, जायफल, से मिश्ति जल में स्नान करने पर बुध काफी बेहतर परिणाम देते है.
जायफल के उपयोग
अगर आपका शत्रु आपको किसी भी रूप से परेशान कर रहा है और आपके हर काम में बाधा पहुंचा रहा है तो शत्रु का नाम लेकर दो जायफल कपूर से जलाकर उसकी राख को नाले में बहा दें. इस तरह से आपका शत्रु आपको परेशान करना बंद कर देगा. यह ज्योतिष उपाय है.
दीर्घकालीन योजना हेतु
यदि आपको किसी भी तरह से कोई योजना बनानी है या कोई सफलता प्राप्त करनी है. शानिवार के दिन दो जायफल हनुमान जी को चढ़ाए और बाद में उठा लें. अगले शानिवार को पुनः इसी प्रकार से करें.
उल्टी, गैस, अनिद्रा
किसी भी तरह से अगर आपको उलटी आ जाए, प्यास लगे जो जायफल को चूस लें. इसी तरह अगर आपको गैस की समस्या है तो जायफल को नींबू में चाटें. जायफल का टुकड़ा मुंह में रखकर घी में पीसकर पलकों पर लगा लें.
कमर दर्द दूर करें
जायफल को पानी में घिसकर तिल के तेल में मिलाकर गर्म करके ठंडा करें और कमर पर मालिश करें. ऐसा करने से कमर दर्द से राहत मिल जाएगी.