सर्दियां आते ही दिल से संबंधित बीमारियों के मुद्दों में वृद्धि होती है. चिकित्सकों के अनुसार, ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. ऐसे में हर्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि कई लोग ठंडे-ठंडे पानी से नहाना पसंद करते हैं और इससे सूजन में कमी, दर्द में राहत, तनाव और थकान में कमी होने का हवाला देते हैं.
हर्ट अटैक या स्ट्रोक तब होता है जब शरीर की मांसपेशियों को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिलता है या रक्त के थक्के के कारण धमनियों में रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है और शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है, इसके शरीर पर खतरनाक परिणाम हो सकते हैं.
इसके अतिरिक्त कई अन्य कारण भी हर्ट अटैक पड़ने का कारण बन सकते हैं. जैसे बढ़ती उम्र, आनुवांशिकता, ब्लडप्रेशर की बीमारी, कोलेस्ट्रॉल या जीवनशैली भी स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. ऐसी ही एक जीवन शैली है शॉवर लेना या नहाना, खासकर सर्दियों में जब आप ठंडे पानी से स्नान कर रहे हैं.
ठंडे पानी से नहाने पर शरीर में होने वाले असर
चिकित्सकों के अनुसार ठंडे पानी से अचानक संपर्क दिल की बिमारियों से संबंधित लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ठंडा पानी शरीर में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है. ऐसे में हृदय या दिल पर अधिक बोझ पड़ता है और वह शरीर में रक्त संचार करने के लिए अपनी कार्य क्षमता को बढ़ा देता है. इसका प्रभाव हम दिल के जोर-जोर से धड़कने पर महसूस करते हैं.
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जाने-माने न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने अपने 68 वर्षीय पेशेंट के साथ ऐसी ही एक घटना को महसूस किया. उनके रोगी को ठंडे पानी से नहाने के दौरान ब्रेन स्ट्रॉक हुआ था. उन्होंने इस घटना के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.
ठंडों में दिल की बीमारियों से बचने के लिए ये हो सकते हैं उपाय
- नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें.
- शरीर को गर्म रखने के लिए त्वचा को ऊनी कपड़ों से ढके रहें.
- कसरत करते रहें, घर पर ही एरोबिक्स ट्राई कर सकते हैं.
- हरी और ताजी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें
- सीगरेट पीने के आदि हैं तो इसे बहुत कम या छोड़ दें.