Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 27 June, 2024 6:15 PM IST
मानसून के मौसम में इन 5 सब्जियों को खाने से बचें (Picture Credit - FreePik)

Avoid 5 Vegetables in Monoon: देश के लगभग सभी हिस्सों में मानसून ने दस्तक दे ही दी है, और बारसात के बाद कई राज्यों को भीषण गर्मी से राहत भी मिली है. जिस प्रकार गर्मियों में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, ठीक उसी तरह बरसात के मौसम में भी पानी से होने वाली बीमारियों के साथ-साथ फ़ूड पॉइज़निंग का खतरा बढ़ जाता है. यदि हम खाने को लेकर लापरवाही या अनदेखी करते हैं तो बीमारियां होने का खतरा बन जाता है. बता दें, मानसून सीजन में कुछ सब्ज़ियों के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें नमी से कीड़ें और बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलता है, जो सीधा हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, मानसून के मौसम में किन 5 सब्ज़ियों को खाने से बचना चाहिए.

हरी पत्तेदार सब्जियों से बचें

मानसून के मौसम में हरी पत्तेदार सब्ज़ियां को खाने से बचना चाहिए, आपको गोभी, पालक और पत्तागोभी जैसे विभिन्न प्रकार की हरी सब्ज़ियां व सलाद खाने से बचना चाहिए. बरसात के मौसम में उच्च आर्द्रता इन सब्ज़ियों को अत्यधिक नम बना देती है, जो बैक्टीरिया, कवक और रोगाणुओं को  विकसीत करने का काम करते हैं. इन सब्जियों को खाने से पेट में संक्रमण या पाचन संबंधी समस्याएं खड़ी हो सकती है.

ये भी पढ़ें: लू लगने से हो सकती है मौत, जानें हीट स्ट्रोक के लक्षण और घरेलू उपाय!

बैंगन खाने से बचें

बरसात के मौसम में आपको बैंगन खाने से बचना चाहिए, इसका बैंगनी रंग बल्ब एल्कलॉइड्स नामक रसायनों के एक वर्ग से बनता है. मानसून में इस तरह की फसल कीड़े और अन्य कीटों से बचने के लिए जहरीले यौगिक का उत्पादन करती है. बता दें, बैंगन में बरसात के मौसम में सबसे अधिक कीटों का प्रकोप होता है. बैंगन के एल्कलॉइड से आपके साथ एलर्जी रिएक्शन, मतली, पित्ती, त्वचा में खुजली और त्वचा पर चकत्ते होने जैसी कई बीमारियां हो सकती है.

बरसात में ना खाएं शिमला मिर्च

शिमला मिर्च स्वादिष्ट होने के साथ-साथ कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है, इसमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट काफी अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है. लेकिन बरसात के मौसम में आपको शिमला मिर्च काफी नुकसान पहुंचा सकती है. बता दें, शिमला मिर्च में ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक रसायन पाया जाता है, जो काटने या चबाने से आइसोथियोसाइनेट्स में टूट जाता हैं. इसे पकाकर या कच्चा खाने से यह रसायन उल्टी, दस्त, मतली और सांस लेने में समस्या पैदा कर सकता है.

फूलगोभी खाने से बचें

आपकी जानकारी के लिए बता दें, फूलगोभी में नमी की काफी अधिक मात्रा पाई जाती है. मानसून के सीजन में फूलगोभी का सेवन करने से बचना चाहिए. इसमें ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक यौगिक मौजूद होता है, जो एलर्जी या अन्य समस्या पैदा कर सकता है. इनसे बचने का बस एक ही सबसे अच्छा तरीका है कि इन्हें बिल्कुल ना खाएं.

बिल्कुल ना खाएं मशरूम

मशरूम स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, इसमें विटामिन डी काफी अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है. लेकिन बरसात के मौसम में आपको इसके सेवन से बचना चाहिए. मशरूम में बरसात का मौसम नम और आर्द्र पैदा कर सकता है, जिससे फफूंदी और बैक्टीरिया का विकास होने लगता है. इसका सेवन इम्युनिटी कमजोर करने के साथ-साथ पाचन संबंधी परेशानियां भी खड़ी कर सकता है.

English Summary: monoon tips avoid eating these 5 vegetables in rainy season
Published on: 27 June 2024, 06:20 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now