हमारे देश में सदियों से भोजन में मसालों का उपयोग किया जाता है. मसाले न केवल हमारे भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं अपितु औषधीय गुणों से परिपूर्ण होने की वजह से हमारे शरीर को रोग प्रतिरोध्क क्षमता प्रदान करके हमारे इम्यून सिस्टम को भी सुदृढ़ बनाते हैं. मसाले हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग हैं जो किसी भी रोग से स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं. मसालों के औषधीय गुणों के मद्देनजर हमनें कुछ महत्वपूर्ण मसालों का वर्णन किया है.
अदरक का औषधीय गुण
अदरक में प्राकृतिक एंटी इन्फ्रलेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, एनाल्जेसिक और एंटी ऑक्सीडेंट गुण हैं जो गैस, अपच, सर्दी और सिर दर्द जैसी बिमारियों को दूर करते हैं. इसमें विटामिन ए, डी, ई, मैग्निाशियम, आयरन, जिंक, कैल्शियम आदि होते है जो इसे फायदेमंद बनाते हैं. अदरक चाय पीने से गर्मी आती है और सर्दी जुकाम दूर होता है. किडनी इन्फेेकशन को दूर करती है और रक्त संचार को बढ़ाती है. डायबिटीज के मरीजों के लिए यह सबसे अच्छी प्राकृतिक दवा है. इसके सेवन से इन्सुलिन का स्तर बढ़ता है और सिर व दाँत दर्द, बुखार, बदहजमी, भूख बढ़ाने के लिए, दमा, निमोनिया, हैजा, पीलिया, बवासीर आदि में भी लाभप्रद है. हल्दी वाला दूध् पीना इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए फायदेमंद है. चोट लगने पर हल्दी का सेवन लाभप्रद होता है. इसमें कुरकुमिन, एक महत्वपूर्ण एंटीआक्सीडेंट पाया जाता है. यह एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है जो लिवर को स्वस्थ रखता है.
काली मिर्च का औषधीय गुण
काली मिर्च को किंग ऑफ स्पाइसेस कहा जाता है. इसके सेवन से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्त्राव बढ़ता है जिससे पाचन स्वस्थ होता है. इसकी तासीर गर्म होती है जो कफ व सर्दी जुकाम में राहत देती है. इसमें पिपरीन की मौजूदगी शरीर में विटामिन ए, सी और बीटा कैरोटिन जैसे पोषक तत्वों को बढ़ाती है. पिपरीन की वजह से सेरोटोनिन का उत्पादन बढ़ता है जो कि एक तरह का एंटी डिप्रेसेंट है. इसकी बाहरी पर्त में फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते है जो वसा कोशिकाओं को तोड़ने में काफी मदद करते हैं, जिससे वजन कम होता है. छोटी और बड़ी इलायची दोनों ही विटामिंस, पोटैशियम, कैल्शियम, सल्फर, मैग्निशियम, मैंग्नीज जैसे मिनरल्स से ओत प्रोत है. एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के विषाक्त पदार्थो को डिटॅाक्सिफाई करते हैं. यह ब्लड क्लॉट और स्ट्रोक से बचाती है. इससे एसिडिटी खत्म होती है और थकान, कमजोरी, एनीमिया जैसी समस्या के लक्षणों को कम करती है.
धनिया का औषधीय गुण
धनिया से दस्त, गैस, पेट दर्द और अपच की समस्या से निजात मिलती है. ब्लड शुगर और हार्मोनस का लेवल नियंत्रित रहता है. मेथी में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन और आयरन पाए जाते हैं. मधुमेह के मरीजों को अपनी डाइट में इसके बीज अवश्य शमिल करने चाहिए क्योंकि यह इंसुलिन को नियंत्रित करने का काम करते हैं. इसमें फ्रलेवेनोइड्स होते हैं जो रक्त में लिपिड को कम करते हैं. आर्थराइटिस के लिए मेथी रामबाण नुस्खा है क्योंकि मेथी में एंटीइंफ्रलेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं.
मेथी का औषधीय गुण
मेथी के दाने किडनी के आसपास एक रक्षा कवच का निर्माण करते हैं जिससे सैल नष्ट होने से बचाए जा सकते हैं. इसके इलावा मेथी के दाने वजन घटाने, सूजन कम करने, टेस्टोस्टोरोन को बढ़ाने, त्वचा और बालों का स्वास्थ्य बढ़ाने के लिए भी लाभदायक है. जीरे से ब्लड प्रेशर और अनिद्रा की समस्या दूर होती है. याददाश्त बढ़ाने के साथ ही यह डायबटीज को कंट्रोल करने के लिए भी लाभदायक है. सौंफ में विटामिन सी, कैल्सियम, सोडियम, फास्फोरस, आयरन और पौटाशियम आदि होते है.
पेट की बीमारियों के लिए यह बहुत प्रभावी दवा है. इससे शिशु के कालिक और अस्थमा का उपचार करने में मदद मिलती है. अजवाइन में एंटीस्पास्मोडिक और कार्मिनेटिव गुण पाए जाते हैं. इसमें थाइमोल पाया जाता है जिसका उपयोग गेस्ट्रोईटेस्टाइनल बीमारियों से राहत पाने के लिए किया जाता है. इसमें एंटीअस्थमा प्रभाव होता है अतः शवसन तंत्रा की समस्या से राहत पाने में यह लाभदायक है. अजवाइन के बीज में एंटीहाइपरलिपिडेमिक प्रभाव पाया जाता है, जो शरीर के कोलेस्ट्रोल, एलडीएल, ट्राइग्लिसराइडस और टोटल लिपिड को कम करने में मदद करता है.
जायफल का औषधीय गुण
जायफल सूजन कम करके, घावों और चोट के दर्द में राहत प्रदान करता है. सर्दियों में तो खासतौर पर सर्दी जुकाम और गले संबंध्ति विकार दूर करने और आवाज की गुणवत्ता सुधरने के लिए जायफल का प्रयोग किया जाता है. लौंग में एंटीआक्सिडेंट्रस, प्रोटीन, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम और सोडियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. टूथपेस्ट और दंतमंजन में लौंग खासतौर पर शामिल होता है. उल्टी आना, जी घवराना और मार्निंग सिकनेस आदि में आराम मिलता है. दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिक मात्रा होती है. इसका उपयोग मधुमेह को नियंत्रित करता है कोलेस्ट्रोल और साँस में संक्रमण तथा गठिया रोग में दर्द से राहत दिलाता है. इसकी चाय दिमाग की कार्यशीलता बढ़ाती है.
लहसुन का औषधीय गुण
लहसुन ब्लड सर्कुलेशन तथा हाई बीपी को कंट्रोल करने में काफी मददगार है अतः रोजाना सुबह खाली पेट खाने की सलाह दी जाती है. यह तीक्ष्ण भग्नसंधनक, पित्त एवं रक्त वर्धक, शरीर में बल, मेधशक्ति तथा आँखों के लिए एक शक्तिशाली टॉनिक है और सर्दी जुकाम, खांसी, अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, मलेरिया, स्कर्वी, जोड़ों का दर्द गठिया, काली खांसी, कान दर्द, पेचिश आदि के इलाज में फायदा होता है. हींग में एंटीआक्सीडेट्ंस और एंटीइंफ्रलेमेटरी गुण पाये जाने की वजह से ये पेट संबंध्ति शिकायतों, दांतो के दर्द व अन्य संक्रमणों का निवारण करने में सक्षम होता है. राई पेट दर्द, गैस और ऐंठन को दूर करती है. किडनी स्टोन में फायदेमंद है और मैटाबालिज्म कंट्रोल में रहता है. राई में मौजूद एंटीआक्सिडेंट्स पेट, प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में मदद करते हैं. केसर में लाइकोपिन, कैरोटिन और क्रोसेटिन पाये जाते हैं. इसमें गहरे नांरगी रंग का क्रोसिन, कैंसर से बचाता है और सूजन भी रोकता है. केसर दूध् कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाता है जिसकी वजह से दूध् और केसर का मिश्रण ऑस्टियोपोरोसिस को रोकता है.पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद में वर्णित मसालों का उपयोग हमारे श्रवसन तंत्रा की रक्षा के साथ पाचन में सुधर और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य लाभ देते हैं हमें इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इन महत्वपूर्ण मसालों को अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करना चाहिए.
लेखक: डॉ॰ विपिन शर्मा; रसायन विशेषज्ञ
डॉ. हैपी देव शर्मा; प्राध्यापक शाक विज्ञान
दीपक शर्मा (शोधार्थी)
डॉ॰ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय
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