नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो भी कर्मचारी कार्यस्थल पर अस्वास्थ्यकर भोजन करने का कार्य करते है ऐसे लोगों मे डायबिटीज और दिल से जुड़ी हुई बीमारियों का खतरा ज्यादा बना रहता है. ऐसे में चिकित्सकों की सलाह है कि कार्यस्थल पर जंक फूड की जगहफास्ट फूड को तरहीज दें. दरअस अस्वास्थयकर भोजन के विकल्प के समय के साथ मोटापे का कारण हन सकते है. इस तथ्य पर जागरूकता को बढ़ाने की जरूरत होती है कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के चलते कार्यलय में अनुपस्थिति, कम उत्पदकता की बीमारियां झेलनी पड़ती है.
जंक फूड पर डॉक्टर्स की सलाह
पद्मश्री डॉक्टर के के अग्रवाल का कहना है कि जंक फूड को खाने से वसा एकत्र की प्रवृति होने लगती है. जिसके चलते इंसुलिन प्रतिरोध जैसी समस्या होने लगती है.इसका एक प्रमुख कारण है लोगों की आज की बदलती हुई जीवनशैली. आजकल लोग दौड़ते भागते और तेज रफ्तार जीवन के कारण अक्सर लोग सुबह का नाश्ता नहीं करपाते है और दिन के बाकी समय अस्वास्थकर और फाटफट खाने वाले भोजन का सेवन करते है. इससे सेहत को नुकसान भी पहुंचता है.
फास्ट फूड का आप्शन क्या
डॉक्टर का कहना है कि अगर आप जरूरत से ज्यादा फास्ट फूड लेते है तो आपको काफी नुकसान हो सकता है इसीलिए काम के दौरान जंक फूड की जगह फूड जैसे फल, दूध, दही, सलाद, ड्राईफ्रुट, सत्तू, नींबू पानी, गन्ने का रस, शहद लेना चाहिए. लोगों को कैफेटेरिया या कार्यस्थल में फल और ज्यादा सब्जियों का स्टॉक रखना, मिठाई की जगह फलों पर जोर देना चाहिए. डॉ अग्रवाल ने कहा कि किसी को भी जरूरत से ज्यादा भोजन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. छोटे ग्रास बनाकर खाने और उन्हें ठीक से चबाने से स्वाद कलियों के माध्यम से दिमाग को संकेत देते है.
ऐसा खाना लें
1. कम खाएं और धीरे-धीरे खाकर भोजन करें.
2. अपनी आधी थाली फल और सब्जियों से भरें है
3. बड़े कौर न खाएं उनकी वजह से वजन बढ़ सकता है.
4. कम से कम आधा अनाज साबुत होना चाहिए.
5. ट्रांस फैट और अधिक चीनी वाली चीजें न खाएं.
6. खूब पानी पिएं