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Updated on: 23 May, 2022 5:37 PM IST
Benefits of Baheda

आयुर्वेद दुनिया का बहुत बड़ा विज्ञान है लेकिन हम इसके बारे में बहुत कम जानते हैं. लेकिन आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे आयुर्वेद के फल बहेड़ा के बारे में. आयुर्वेद के बारे में अगर बात की जाये तो  यह दुनिया का सबसे पुराना विज्ञान है. जिसमें महर्षि पतंजलि से लेकर चरक तक बहुत बड़े विद्वान हुए हैं और उन्होंने दुनिया को चिकित्सा के बारे में राह दिखाई है.

पिछले कुछ समय से आयुर्वेद को किनारे कर दिया गया था लेकिन वर्तमान समय की अगर बात की जाये तो यह धीरे-धीरे आगे बढ़ता जा रहा है. और अपनी क्षमता को पूरे विश्व  में दिखा रहा है फिर चाहे वह योग के रूप में हो या आयुर्वेदिक दवाईयों  के रूप में. तो आज अपने इस लेख में जानते हैं इसके बारे में थोड़ा विस्तार से...

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बहेड़ा क्या है, और कहाँ पाया जाता है?

बहेड़ा  एक  ताम्बे के रंग का फल होता है और इसका पेड़ होता है. जिसमें गर्मी  के मौसम में फूल आते हैं और उसके बाद बसंत के मौसम में फल आते हैं. बहेड़ा के फलों का छिलका कफनाशक होता है. यह कंठ और सांस की नली से जुड़ी बीमारी पर बहुत असर करता है. इसके बीजों की गिरी दर्द और सूजन ख़त्म करती है.बहेड़ा के वृक्ष (baheda tree) लगभग पूरे भारत में पाये जाते हैं. ये मुख्य रूप से मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों के पर्णपाती वनों में लगभग 1000 मीटर की ऊँचाई तक पाए जाते हैं.

अन्य भाषाओं  में बहेड़ा के नाम

बहेड़ा को अलग-अलग  भाषाओं  में  कई नामों से जाना जाता है. जैसे- 

संस्कृत-   भूतवासा, विभीतक, अक्ष, कर्षफल, कलिद्रुम नाम से जाना जाता है.

असमिया - बौरी नाम से जाना जाता है.

कन्नडा-  तोड़े , तोरै नाम से जानते हैं.  

बंगाली- साग , बयड़ा  नाम से जानते हैं.

बहेड़ा के लाभ

  1. बहेड़ा फल की मींगी का तेल बालों के लिए अत्यन्त पौष्टिक है. इससे बाल स्वस्थ हो जाते हैं.

  2. बहेड़ा  की मींगी के चूर्ण को शहद  के साथ मिलाकर काजल की तरह लगाने से आँख के दर्द तथा सूजन आदि में लाभ होता है.

  3. दमे की बीमारी में इसका उपयोग किया जाता है.

  4. किडनी में पथरी होने पर इसका उपयोग किया जाता  है.

  5. दिल के मरीजों के लिए इसका उपयोग किया जाता है.

English Summary: know here complete benefits of baheda and ayurveda
Published on: 23 May 2022, 05:41 PM IST

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