नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 21 January, 2023 2:20 PM IST
कार्बी आंगलोंग अदरक

कार्बी आंगलोंग अदरक असम राज्य का एक जिला है. यहां की आधी से ज्यादा आबादी में अनुसूचित जनजाति के लोग शामिल हैं. अधिकांश जनजातियां खेती पर निर्भर हैं और खेती ही यहां के लोगों के लिए आय का मुख्य स्रोत है. यह क्षेत्र चाय, अदरक और रबर के बागानों के लिए लोकप्रिय है. यहां अदरक का वार्षिक उत्पादन 30,000 टन के करीब है.

कार्बी आंगलोंग में नादिया और आइजोल दो प्रकार के अदरक की खेती की जाती है. कार्बी जनजाति के पर्यावरण के अनुकूल खेती करना तथा कृषि के लिए उपयुक्त जलवायु में खेती करने की अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं. भारत सरकार ने 2014 से 2015 के वित्तीय वर्ष में कार्बी आंगलोंग जिंजर को भौगोलिक संकेत टैग प्रदान किया गया था. यह टैग आमतौर पर उन उत्पादों को दिया जाता है जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है.

कार्बी आंगलोंग अदरक कहां और कैसे उगाया जाता है?

कार्बी आंगलोंग अदरक एक जैविक रूप से उगाई जाने वाली अदरक है, जिसकी खेती असम के कार्बी आंगलोंग जिले में होती है. कार्बी आंगलोंग अदरक का एक अलग सुगंध, स्वाद और रंग होता है. इसे बड़े पैमाने पर असम के आदिवासियों द्वारा उगाया जाता है. कार्बी आंगलोंग अदरक दो प्रकार के होते हैं: नादिया और आइज़ोल. नादिया अधिक रेशेदार होता है और इसे घरेलू बाजार में बेचा जाता है, वहीं आइज़ोल कम रेशेदार होता है और इसे मुख्य रूप से निर्यात के लिए उगाया जाता है.

किसान अदरक उगाने के लिए झूम या स्लैश-एंड-बर्न खेती के तरिके को अपनाते हैं. अदरक लगाने का सबसे अच्छा समय वसंत या गर्मियों की शुरुआत का समय होता है. अदरक की फसल परिपक्व होने में 9 से 10 महीने का समय लेती है. मिट्टी को खिलाने और फसल को कीटों के संक्रमण से बचाने के लिए कार्बी आंगलोंग जनजातियाँ ज्यादातर स्वदेशी और जैविक तरीकों का उपयोग करती हैं.

बोरर्स रोग के संक्रमण से बचने के लिए किसान टहनियों को काट देते हैं. चूंकि अदरक की जड़ या तने में रोग लगने का खतरा रहता है, इसलिए किसान यह सुनिश्चित करते हैं कि मिट्टी अच्छी तरह से जल निकासी वाली हो और पानी एक जगह न रुके. वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि बुवाई के लिए चुने गए बीज भी रोग मुक्त हों.

कार्बी आंगलोंग अदरक के स्वास्थ्य लाभ

  • कार्बी आंगलोंग अदरक में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करते हैं. यह हमारे रक्तप्रवाह को भी सुचालित करता है.

  • कार्बी आंगलोंग अदरक आंतों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसके सेवन से कब्ज, मतली, सूजन, अनियमित मल त्याग और एसिडिटी जैसी आंत की समस्याएं ठीक होती है. अदरक का सेवन हमारे शरीर का वजन घटाने में भी मदद करता है.

  • कार्बी आंगलोंग अदरक में सुखदायक गुण होते हैं जो गले के खराश को शांत करते हैं और बंद नाक के मार्ग को खोलते हैं. यह लोगों को सर्दी होने पर बेहतर नींद और आराम भी देता है.

  • अदरक के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की समस्याओं जैसे मुंहासे, मलिनकिरण और मुंहासे के निशान के इलाज में मदद कर सकते हैं. अदरक के पेस्ट को अपने बालों में लगाने से भी नुकसान की मरम्मत होती है और उन्हें लंबे, घने और मजबूत होने में मदद मिलती है.

ये भी पढ़ेंः अदरक की खेती कैसे करें, जानिए पूरी जानकारी

कृषि में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभागअसम 3 से 5 फरवरी, 2023 तक पहला ऑर्गेनिक नॉर्थ ईस्ट एक्सपो आयोजित कर रहा है. एक्सपो का आयोजन सिक्किम स्टेट कोऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (SIMFED) द्वारा किया जाएगा.

English Summary: Karbi Anglong Ginger Cultivation And Its Health Benefits
Published on: 21 January 2023, 02:27 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now