Krishi Yantra Yojana: रोटावेटर और मल्टी क्रॉप थ्रेशर समेत इन 6 कृषि यंत्रों पर मिल रहा 50% तक अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ Dudharu Pashu Bima Yojana: दुधारू पशुओं का होगा बीमा, पशुपालकों को मिलेगी 75% सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया! PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 9 April, 2020 2:14 PM IST

बच्चे पेट दर्द जैसी कई समस्याओं से गुजरते हैं जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा बनते हैं. कई बार ऐसा देखा जाता है कि पेट में कीड़े होते हैं और ये कीड़े प्रजनन के बाद आंतों में अंडे देने लग जाते हैं, जिससे दर्द बढ़ जाता है जोकि बच्चों के पाचन और स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. यह कीड़े कई प्रकार के होते हैं. जो मौसम के अनुसार होते हैं और दिखाई देते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको इन कीड़ों के लक्षण और बचने के कुछ घरेलू उपाय बताते हैं जो आपको इस समस्या से निजात दिलाने में मदद करेंगे- 

पेट के कीड़ों के लक्षण

पेट दर्द

वजन घटना

आँखें लाल होना

जीभ का सफेद होना

गले में खरास

शरीर में सूजन

मतली और उल्टी

पेट में कीड़े होने की वजह

सही तरह से पौष्टिक आहार न खाना

गंदे हाथों से खाना

भूख में कमी होना

मक्खियों द्वारा दूषित भोजन का सेवन करना

अधिक दूध उत्पादों का सेवन करना

ज्यादा खट्टी और मीठी चीजें खाना

उड़द की दाल का ज्यादा सेवन करना

दिन में काम नहीं करना और सोना

घर पर दवा बनाने के लिए सामग्री

अनार की जड़ की छाल- 50 ग्राम

पानी - 250 मिली

पलाश के बीज का पाउडर - 5 ग्राम

वावडिंग - 10 ग्राम

बनाने की विधि:

सबसे पहले अनार के पेड़ की छाल को 50 ग्राम की मात्रा में काट लें और इसे छोटे टुकड़े कर लें. फिर 5 ग्राम पलाश के बीज का पाउडर और 10 ग्राम वावडिंग एक लीटर पानी में उबालें. इसे तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए और इसे ठंडा होने दें. फिर 4 दिनों लगातार 50 ग्राम इस पानी का सेवन करें.

एक और तरीका अनार की जड़ की छाल, पलाश के बीज, वावडिंग को मिलाकर काढ़ा बना लें. काढ़े को शहद के साथ भी पी सकते है. फिर इस मिश्रण को रोजाना 4 दिनों तक सेवन करें.

इन चीजों से करें परहेज

बेसन
उड़द
पत्तेदार सब्जियां

आलू

मूली

अरबी और ककड़ी

दूध उत्पादों से बचें

मांसाहारी भोजन से बचें

English Summary: Intestinal worms: Do stomach bugs not cause your weakness, know how to remedy such symptoms
Published on: 09 April 2020, 02:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now