मधुमेह एक ऐसा रोग है यदि यह शरीर को लग जाए तो जिस तरीके से कोई दीमक लकड़ी को कमजोर बना देती है ठीक उसी प्रकार यह रोग भी शरीर को खोखला कर देता है. कुछ लोग इसको बहुत मामूली और छोटी मोटी बीमारी समझते हैं. जबकि ये सिर्फ उन लोगों की गलतफहमी है. क्योंकि अगर देखा जाए तो मधुमेह से गंभीर और खतरनाक कोई रोग नहीं है
ये धीरे धीरे बढ़ता है और इंसान को इस कदर अपनी गिरफ्त में ले लेता है कि उसके पास उपचार का सही तरीका और समय भी नहीं बचता है. अगर एक बार व्यक्ति इसकी चपेट में आ गया तो जीवनभर इसके लिए परहेज करना पड़ता है. कुछ लोग डायबिटीज से बचने के लिए कई प्रयास करते हैं बावजूद इसके उनका डायबिटीज कम नहीं होता है. इसे कंट्रोल करने के लिए नियमित दिनचर्या और पोषणयुक्त आहार की जरूरत होती है.
मधुमेह होने के सबसे बड़े कारणों में असंयमित खानपान, मानसिक तनाव, मोटापा, व्यायाम की कमी आदि आते हैं. अगर देखा जाए तो वक्त के साथ—साथ इसके मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसे नियंत्रित करने के लिए हेल्दी डाइट चार्ट होना जरूरी है. इन्सुलिन हार्मोन के स्राव में कमी से डायबिटीज रोग होता है. इसके अलावा मधुमेह तनाव बढ़ने, अनुवांशिकता के कारण भी होता है.
इस रोग में व्यक्ति को काफी परहेज से रहना होता है. मधुमेह रोगी अगर अपनी दिनचर्या का पालन नही करते हैं तो इसके बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है. मधुमेह के रोगी को आंखों व किडनी के रोग, सुन्नपन आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यदि आप सही खान-पान प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं तो मधुमेह से बचा जा सकता है. कुछ इस तरीके के खान-पान का इस्तेमाल करे.
प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल (Use of protein foods)
मधुमेह के मरीज को प्रोटीन अच्छी मात्रा में व उच्च गुणवत्ता वाला लेना चाहिए. इसके लिए दूध, दही, पनीर, अंडा, मछली, सोयाबीन आदि का सेवन ज्यादा करना चाहिए. इंसुलिन ले रहे डायबिटिक व्यक्ति एवं गोलियां ले रहे डायबिटिक व्यक्ति को खाना सही समय पर लेना चाहिए. ऐसा न करने पर हाईपोग्लाइसीमिया हो सकता है. इसके कारण कमजोरी, अत्यधिक भूख लगना, पसीना आना, नजर से धुंधला या डबल दिखना, हृदयगति तेज होना, झटके आना एवं गंभीर स्थिति होने पर कोमा भी हो सकता है.
करेले का इस्तेमाल (Use of bitter gourd)
डायबिटीज में करेला काफी फायदेमंद होता है, करेले में कैरेटिन नामक रसायन होता है, इसलिए यह प्राकृतिक स्टेरॉयड के रुप में इस्तेमाल होता है, जिससे खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ पाता. करेले के 100 मिली. रस में इतना ही पानी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है.
डबल टोन्ड दूध पीएं (Drink double toned milk)
डायबिटीज के मरीज हमेशा डबल टोन्ड दूध का प्रयोग करें. कम कैलोरीयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे - छिलके वाला भुना चना, परमल, अंकुरित अनाज, सूप, सलाद आदि का ज्यादा सेवन करें. दही और छाछ का सेवन करने से ग्लूकोज का स्तर कम होता है और डायबिटीज नियंत्रण में रहता है.
मैथीदाना चूर्ण (Fenugreek powder)
मैथीदाना (दरदरा पिसा हुआ) एक या आधा चम्मच खाना खाने के 15-20 मिनट पहले लेने से शुगर कंट्रोल में रहती है व फायदा होता है. रोटी के आटे को बिना चोकर निकाले प्रयोग में लाएं व इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इसमें सोयाबीन मिला सकते हैं.
शहद कर सेवन (Consumed honey)
कार्बोहाइर्ड्रेट, कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्यूट्रिएंट से भरपूर शहद मधुमेह के लिए लाभकारी है. शहद मधुमेह को कम करने में सहायता करता है. इस तरीके के खान-पान को अमल में लाकर मधुमेह रोगी आसानी से अच्छा स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.