आज दुनिया में हाई ब्लडप्रेशर को लेकर हर घर में कोई न कोई मरीज मिल ही जायेगा. लेकिन इसके इलाज की बात जब भी आती है तो बहुत से लोगों को पूरी जिंदगी दवाओं पर ही निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे फल और सब्जियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको अगर आप अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो कुछ ही समय में आपका हाई ब्लडप्रेशर बहुत आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं.
कई अन्य रोगों का भी घर है हाई ब्लडप्रेशर
हाई ब्लडप्रेशर केवल खुद में एक बीमारी तो है ही साथ ही यह अन्य भी बहुत सी बीमारियों को साथ लेकर चलती है. जिन व्यक्तियों को हाई ब्लडप्रेशर होता है उनमें कुछ सामान्य बीमारियों को अक्सर देख सकते हैं, जैसे- सीने में दर्द, चक्कर आना, सिरदर्द और अंधापन और सबसे खराब स्थिति में, उच्च रक्तचाप से दिल का दौरा का भी खतरा रहता है. इसी के चलते आज हम आपको चार ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके द्वारा आप इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं. तो आइये जानते हैं कि यह चार कौन से खाद्य हैं-
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हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक, केल और सलाद जैसी हरी सब्जियाँ कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं. पोटेशियम किडनी को ज्यादा सोडियम से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. अगर आप इस तरह की हरी सब्जियों को अपने खाने में शामिल करते हैं तो आपको बहुत ही कम समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल जाते हैं.
केला: केले में पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है और यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है. इतना ही नहीं केला एक अच्छे स्वास्थ्य की पहचान भी है. अगर आप दैनिक जीवन में व्यायाम को शामिल करते हैं तो उसके कुछ ही समय बाद केले का सेवन आपको एक अच्छे स्वास्थ्य में बहुत मददगार साबित होगा.
चुकंदर: चुकंदर में नाइट्रिक ऑक्साइड अधिक मात्रा में होता है, जो रक्त वाहिकाओं को खोलने और प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है. जब एक बार रक्त बहिकाएं खुल जाती हैं तो हाई ब्लडप्रेशर जैसी समस्या बहुत ही कम हो जाती है.
लहसुन: लहसुन एंटी-बायोटिक और एंटी-फंगस है और नाइट्रिक ऑक्साइड भी बढ़ाता है. इसके अलावा, यह आपकी मांसपेशियों को आराम देता है और रक्त वाहिकाओं को फैलाता है जो रक्तचाप को कम करने में मदद करता है. वैसे तो आजकल लगभग हर घर में इसके सामान्य प्रयोग को देखा जा सकता है. लेकिन बहुत से लोग आज भी लहसुन से दूरी बनाये हुए हैं. ऐसे लोग अन्य चीजों के सेवन के साथ में अपनी इस बीमारी को कम करने में मदद ले सकते हैं.
हम सभी अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए कुछ न कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाते ही रहते हैं लेकिन अगर हम इनको दवा न मान कर अपने खान-पान में कुछ परिवर्तन कर लें तो इसे हम नियंत्रित कर सकते हैं.