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Updated on: 1 February, 2019 2:36 PM IST

आज जिस बिमारी या रोग की हम बात कर रहे हैं वो सामान्य होकर भी सामान्य नहीं है. यह रोग कुछ समय पहले तक हमारे बीच इतना सक्रिय नहीं था परंतु अब यह बहुत तेज़ी से फैल रहा है और हर तीसरे या चौथे आदमी को यह रोग है. हालांकि इसका स्तर कम होने की वजह वजह से लोगों को इसका आभास नहीं होता. परंतु जब नज़ले या साइनस का स्तर बढ़ जाता है तो जीवन मुहाल हो जाता है और उदासी के अलावा कुछ महसूस नहीं होता.

साइनस या नज़ला है क्या ?

ये कोई बहुत बड़ा रोग नहीं है. शरीर में जब कफ या बलगम की मात्रा अधिक हो जाती है और यही कफ जब हमारे चेहरे के छिद्रों को बंद कर देता है, उसे साइनस या नज़ला कहते हैं. हमारे पूरे शरीर में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं और साइनस के रोगी के चेहरे से लेकर सर तक के छिद्रों को जब कफ बंद कर देता है तो त्वचा सांस नहीं ले पाती जिससे सर में दर्द होता है.

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कैसे पहचानें साइनस के लक्षण

  • यह सब साइनस या नज़ले के लक्षण हैं

  • स्वास नली में रुकावट का आभास.

  • सांस लेने में दिक्कत व परेशानी.

  • अकारण ही सर में दर्द.

  • सर के आधे हिस्से में दर्द जिसे आधी शीशी का दर्द भी कहते हैं.

  •  शरीर में बलगम या वात का अधिक मात्रा में जमा होना और निकलना

लक्षण बताकर इलाज न बताना बेमानी बात होगी. इसीलिए इस रोग से बचे रहने या दूर रहने के लिए आप कुछ नुस्खे घर पर ही अपना सकते हैं -

  • शाम को जब आप ऑफिस या कहीं बाहर से आएं तो एक खुले बर्तन में पानी उबालने रख दें और उसमें तुलसी की 10-12 पत्तियां डाल दें.

  • जब पानी उबल जाए तो उसके बाद उस पानी की भाप लें. इसे स्टीम लेना भी कहते हैं.

  • नाक को प्रतिदिन साफ रखें. कोशिश करें कि नाक के भीतर कुछ गंद जमा न होने पाए.

  • हर रोज़ सुबह दौड़ने जाएं क्योंकि जब आप दौड़ते हैं तो स्वास-नली पर जोर पड़ता है जिससे स्वास-नली तीव्र गति से क्रियाशील हो जाती है और उसके मार्ग में आने वाले अवरोधक हट जाते हैं.

  • कोशिश करें कि किसी भी तरह आप के चेहरे पर पसीना आए क्योंकि चेहरे पर पसीने के आने से चेहरे के बंद छित्र खुलने में मदद मिलती है

  • योगा के कुछ आसन जैसे - अनुलोम-विलोम, भ्रसिका और कपालभाति साइनस या नज़ले के रोग को जड़ से खत्म कर देते हैं.

  • एक कारगर उपाय यह भी है कि आप काली मिर्च को शहद के साथ चाटकर खा सकते हैं जिससे कफ या बलगम को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है.

नोट :- साइनस या नज़ले के रोगी की यह कोशिश होनी चाहिए कि वह इस रोग के पूरी तरह खत्म न होने तक संतुलित आहार ले और दूध या इससे बनी चीजों का सेवन न करे क्योंकि यह सब शरीर में बलगम या कफ को खत्म होने नहीं देता.

English Summary: How to avoid Sinus
Published on: 01 February 2019, 02:47 PM IST

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