शरीरिक शुद्धि
शरीरिक शुद्धि को करने के लिए अभ्यंग मसाज, मिट्टी लेपना या स्नान, एनिमा, भाप स्नान, जलनेति , कुंजल क्रिया आदि विशेष रूप से लाभकारी होते है। जिनका लाभ प्राकृतिक चिकित्सक की देखरेख में आसानी से ले सकते है।
शरीर को डिटॉक्स करें
शरीर के अंदर जमा संचित, दूषित व कुपित मल ही रोग के सबसे बड़े कारक होते है। इनको शरीर से बाहर करने के लिए सब्जियों के रस को नियमित रूप से सेवन करें ताकि आपको फायदा हो। गर्मी के मौसम में ताजा फल सब्जियों का जरूर सेवन करें. मौसम में मूंग -चना-मोठ व कच्ची मूंगफली को अंकुरित कर सकते है. कच्ची मूगफली को अकुंरित करके भीगें मेवे के साथ याफिर सादा बादाम, किशमिश, अंजीर आदि को सुबह खा सकते है।
योग को बनाए दिनचर्या का अंग
नियमित योगाभ्यास से न केवल रोग प्रतिरोधक क्षंमता बढ़ती है. बल्कि शरीर और मन भी स्वस्थ रहता है। इसीलिए आप रोज सुबह प्रातः एक घंटा नियमित योग व ओउम का ध्यान करें। सुबह जल्दी से उठें और रात को जल्दी से सो जाए। सुबह जल्दी सैर करें। दिनचर्या ठीक रखे। रात को हल्का खाना लें। तनाव से दूर रहें और खुश रहें।
क्या जरूर करें
मौसम के अनुकूल ही कपड़े पहनें
बारिश हो तो कोशिश करें कि आप भीगने से बचें
कार्य स्थल पर विश्राम में संतुलन बनाएं
चाय कॉफी की जगह पर हरी चाय पीएं