केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार (28 नवंबर, 2019) को लोकसभा में कहा कि शहद के क्यूब्स का उत्पादन शुरू करने की योजना बनाई जा रही है जो चीनी पाउच को स्वस्थ विकल्प के रूप में बदल देगा. गडकरी ने कहा कि सरकार की भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ "भारत क्राफ्ट" शुरू करने के लिए बातचीत चल रही है, जोकि एक ई-कॉमर्स वेबसाइट है जो छोटे पैमाने पर या कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को बेचेगी.
उन्होंने यह भी बताया कि एक स्वस्थ विकल्प के रूप में चीनी के पाउच के बजाय शहद के क्यूब्स को चाय में इस्तेमाल किया जा सकता है. गडकरी ने कहा कि इसके कारण शहद का उत्पादन बढ़ेगा और आदिवासियों के साथ-साथ अन्य लोग भी इसके उत्पादन में ज्यादा से ज्यादा दिलचस्पी लेंगे. इसके साथ ही कुछ ही महीने में भारतीय बाजारों में शहद के क्यूब की बिक्री शुरू हो जाएगी. इसके साथ उन्होने यह भी कहा कि छोटे और मध्यम उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को बेचने के लिए, उनका मंत्रालय एसबीआई के साथ "भारत क्राफ्ट" ई-कॉमर्स पोर्टल लॉन्च करने के लिए बातचीत कर रहा है. इस पोर्टल पर आपको एमएसएमई के सभी तरह के उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे.
अगर हम बात करें, सफेद चीनी की तो इसमें करीब 30 फीसदी ग्लूकोज और 40 फीसदी फ्रक्टोज मौजूद होता है, जबकि शहद में स्टार्ची फाइबर डेक्सट्रिन शामिल होता है. यह मिश्रण शरीर में ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में सहायक होता है. इसके साथ ही इसमें ऐंटीऑक्सिडेंट्स, विटमिन सी, मिनरल्स, अमीनो ऐसिड्स और कई एन्जाइम्स भी शामिल होते है जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक साबित होते है. इसके साथ ही इसमें मौजूद ऐंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज की वजह से शहद कीटाणुओं को नष्ट करने में मदद करता है जिससे हमारे शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है. शहद को छोटी-मोटी चोट या फिर जलने पर लगाने से घाव को भरने में जल्दी मदद मिलती है. इसके अलावा इसके सेवन से सर्दी-जुकाम, खांसी और गला खराब आदि समस्याओं से भी जल्दी राहत मिलती है. यह चीनी की तुलना में कम प्रोसेस्ड होता है. इसे आप कच्चा भी खा सकते है.