Side Effects Of Screen Time:आज के समय ज्यादातर लोग दिनभर टीवी या स्मार्टफोन/excessive mobile use से चिपके रहते हैं. वहीं ऑफिस जाने वाले लोग मजबूरी में 9 घंटे लगातार स्क्रीन पर आंखें गड़ाए बैठे रहते हैं. जिसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य/Mobile phone side effects पर पड़ रहा है. ऐसे में अगर आप भी मोबाइल फोन से दिनभर चिपके रहते हैं? तो सावधान हो जाएं. क्योंकि हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, दिनभर टीवी या मोबाइल स्क्रीन से चिपके रहने से आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
इसलिए कृषि जागरण के आज के इस आर्टिकल में हम आपको, मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से बताएंगे.
आंखों से जुड़ी बीमारियां
लगातार या बहुत अधिक समय तक टीवी या स्मार्टफोन/screen time side effects से चिपके रहने से आंखों की रोशनी पर नकारात्मक असर पड़ता है.खासकर सुबह के समय जब आपकी आंखें अभी रोशनी के साथ तालमेल बिठा रही हों. क्योंकि लंबे समय तक चमकदार स्क्रीन को घूरते रहने और स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी की वजह से आई स्ट्रेन, ड्राई आंखें और ब्लर विजन जैसी आंखों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं.
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ध्यान केंद्रित
स्मार्टफ़ोन का निरंतर इस्तेमाल करने से बच्चों को ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो सकती है. क्योंकि आज कल ज्यदातर बच्चों का समय मोबाइल या टीवी पर बीतता है. जिसकी वजह से वे अपने जरुरी कामों या पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. क्योंकि उनका पूरा ध्यान ईमेल, सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन गतिविधियों में लगा होता है. जिस वजह से उन्हें ध्यान केंद्रित करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
मानसिक स्वास्थ्य
टीवी या मोबाइल फोन पर ज्यादा वीडियो गेम या अन्य एप्लिकेशन का इस्तेमाल करने से चिंता और अवसाद जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों के मरीज दिन प्रति दिन बढ़ रहे हैं. वहीं लगातार फोन के उपयोग करने से सिरदर्द और माइग्रेन जैसी जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
लत
जागने के ठीक बाद लगातार फ़ोन लेने की आदत एक प्रकार की लत की तरह है. आपका डोपामाइन आपको नोटिफिकेशन चेक करने के लिए या ऑनलाइन एक्टिव रहने के लिए उकसाता है. इस आदत से मुक्त होना आपके लिए मुश्किल हो सकता है और इससे आपके फोकस करने की क्षमता कम होती है.
स्लीप साइकिल
सोने से पहले और उठते ही सबसे पहले फोन में नोटिफिकेशन चेक करने और लगातार फोन पर लगे रहने का सिधा असर स्लीप साइकिल पर पड़ता है. क्योंकि स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन बनने में बाधा डालती है. जिसे सही से नींद नहीं आती.