हर किसी को छोटे बच्चे पसंद होते है, सब उन्हें बाहों में उठा कर या गोदी में लेकर प्यार करते है, चूमते है... लेकिन आप ये नहीं जानते की आपका ये प्यार बच्चे के लिए प्यार नहीं बल्कि जान का ख़तरा बन सकता है. जी हां .... आपने सही सुना। दरअसल आज कल नवजात बच्चों में चूमने से बहुत इंफेक्शन फैल रहा है. जिस वजह से छोटी उम्र में बच्चों के लीवर ख़राब होना, मानसिक रूप से बीमार होना आदि समस्याएं होने का डर बना रहता है. ऐसे में आइए आज जानते है आजकल बच्चों में पनपते इस खतरे के बारे में......
HSV नवजात बच्चे के लिए खतरनाक
विशेषज्ञों का मानना हैं कि एचएसवी (HSV) नामक इंफेक्शन ज्यादातर जवानों में पाया जाता है. क्योंकि उनकी इम्युनिटी सिस्टम काफी स्ट्रांग होता है. इसलिए ये छोटे वायरस उन पर ज्यादा प्रभाव नहीं डालते. लेकिन नवजात शिशुओं का शरीर काफी नाज़ुक होता है और विकास कर रहा होता है. जिस वजह से यह इंफेक्शन उन नवजात बच्चों की सेहत के लिए काफी खतरनाक होता है.
बच्चों में बढ़ता जानलेवा इंफेक्शन
नवजात बच्चों को ज्यादा चूमने से ये इंफेक्शन हो जाता है. जिससे बच्चों के मुंह पर घावों होने लगते है. साथ ही बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर या फिर ज्यादा फूलने लगते है. ये इंफेक्शन इतना तेज़ होता है कि इसकी वजह से बच्चे के लीवर और दिमाग पर दोनों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. इसकी वजह से बच्चे को जान का खतरा भी बना रहता है.
बच्चों में निमोनिया होने का खतरा
मौसम के बदलाव के कारण बच्चों में वायरल इंफेक्शन का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. जिससे बच्चों में सर्दी, फ्लू और खांसी आदि का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बच्चों को चूमता है तो बच्चों में RSV नामक वायरल पनप सकता है. ये आरएसवी(RSV ) नवजात बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिस का प्रमुख कारण बनता है. जिससे बच्चों में निमोनिया होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
दाद सिंप्लेक्स इंफेक्शन का खतरा
ये वायरस एक ऐसा वायरस है जो कि घाव में बदलना शुरू हो जाता है, ये ज्यादातर मुंह के पास या फिर शरीर के अहम हिस्सों को अपना शिकार बनाता है. जब ये इंफेक्शन आपसे आपके शिशु के मुंह में जाता है तो इसे ओरल हर्पीज (Oral Herpes ) कहते है. ये एचएसवी(HSV ) नवजात बच्चे में सिर्फ चुंबन से ही फैलता है.