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Updated on: 31 July, 2023 11:27 AM IST
Ayurvedic remedies for face

चेहरे पर झाइयां मुख्य रूप से बढ़े हुए मेलेनिन के कारण होती हैं. इसमें आनुवंशिकी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि जिन व्यक्तियों के परिवार में पहले से ही लोगों के चहरे पर झाइयों का आना लगा रहता हो, उनमें इनके विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है. धुप में निकलने के कारण झाइयों का होना भी एक प्रमुख कारक है; जब त्वचा यूवी किरणों के संपर्क में आती है, तो यह एक सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया के रूप में मेलेनिन उत्पादन को ट्रिगर करती है. साफ़  या गोरी त्वचा वाले लोग अपने शुरुआती मेलेनिन स्तर के कम होने के कारण अधिक संवेदनशील होते हैं. युवा, गर्भावस्था या कुछ दवाओं के दौरान हार्मोनल परिवर्तन भी झाई के कारण बन सकते हैं. आज हम आपको इन्हीं से सुरक्षा के लिए इसके कुछ आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताएंगे.

हल्दी और दूध का पेस्ट

हल्दी, एक मसाला है जो अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए हर घर में प्रयोग की जाती है, जिसमें इसके शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और त्वचा को गोरा करने वाले गुण शामिल हैं. दूसरी ओर, दूध त्वचा को आराम और पोषण देता है. उपाय बनाने के लिए एक चुटकी हल्दी पाउडर में दूध की कुछ बूंदें मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को झाइयों पर लगाएं और पानी से धोने से पहले 15-20 मिनट तक लगा रहने दें. नियमित रूप से लगाने से समय के साथ झाइयों की उपस्थिति को कम करने में मदद मिलती है.

नींबू का रस और शहद

विटामिन सी की उच्च मात्रा के कारण नींबू एक प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट है, जो इसे झाइयों सहित काले धब्बों को हल्का करने में प्रभावी बनाता है. शहद, एक ह्यूमेक्टेंट, नमी बनाए रखने में मदद करता है, त्वचा को हाइड्रेटेड और कोमल रखता है. नींबू का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाएं और इस मिश्रण को झाइयों पर लगाएं. धोने से पहले इसे 10-15 मिनट तक लगा रहने दें. ध्यान देने योग्य परिणामों के लिए इस उपाय को सप्ताह में 2-3 बार दोहराएं.

Ayurvedic remedies for face

नीम की पत्तियों का पेस्ट

नीम, जिसे आयुर्वेद में "दिव्य वृक्ष" के रूप में जाना जाता है, में शक्तिशाली जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं. यह रंजकता को कम करने और त्वचा संबंधी समस्याओं का इलाज करने में मदद कर सकता है. पेस्ट बनाने के लिए ताजी नीम की पत्तियों को बारीक पीस लें और इसे झाइयों वाली जगह पर लगाएं. धोने से पहले इसे 15-20 मिनट तक सूखने दें. नीम के पेस्ट के नियमित उपयोग से झाइयां कम करने और त्वचा के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है.

खीरा और गुलाब जल

खीरा त्वचा पर ठंडक के लिए जाना जाता है, जबकि गुलाब जल एक प्राकृतिक टोनर के रूप में काम करता है. एक खीरे को कद्दूकस कर लें और इसमें गुलाब जल की कुछ बूंदें मिलाएं. इस मिश्रण को झाइयों पर लगाएं और 20-30 मिनट के लिए छोड़ दें. खीरे और गुलाब जल का मिश्रण झाइयों को हल्का करता है और त्वचा को तरोताजा महसूस कराता है.

केसर और लिकोरिस पाउडर

केसर, एक बेशकीमती मसाला है, जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है और इसमें त्वचा को निखारने वाले गुण हैं. दूसरी ओर, लिकोरिस में ग्लैब्रिडिन होता है, एक यौगिक जो रंजकता को रोकने में मदद करता है. केसर के कुछ धागों को कुछ घंटों के लिए पानी में भिगो दें और फिर उन्हें मुलेठी पाउडर के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को झाइयों पर लगाएं और रात भर लगा रहने दें. नियमित आवेदन से झाइयों में कमी में स्पष्ट सुधार देखा जा सकता है.

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प्रभावी उपचार के लिए युक्तियाँ

  • आयुर्वेदिक उपचारों में अगर आप प्रभाव देखना चाहते हैं तो इनको नियम के मुताबिक प्रतिदिन लगाना जरुरी होता है. इसके परिणाम तत्काल नहीं हो सकते हैं, इसलिए धैर्य रखें और उपचारों का नियमित रूप से पालन करें.
  • एलर्जी या त्वचा की संवेदनशीलता की जांच के लिए कोई भी नया उपाय आजमाने से पहले हमेशा पैच टेस्ट करें.
  • सनस्क्रीन लगाकर और सुरक्षात्मक कपड़ों का उपयोग करके अपनी त्वचा को अत्यधिक धूप से बचाएं, क्योंकि सूरज झाइयों को बढ़ाता है.
  • स्वस्थ आहार बनाए रखना, हाइड्रेटेड रहना और पर्याप्त नींद लेना भी त्वचा के बेहतर स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है.

निष्कर्ष

आयुर्वेदिक उपचार चेहरे पर झाइयों के इलाज के लिए एक प्राकृतिक और सुरक्षित समाधान देता है. पारंपरिक ज्ञान और प्राकृतिक अवयवों से समृद्ध ये उपचार, झाइयों को हल्का करने और समग्र त्वचा के निखार को बढ़ावा देने में मदद करते हैं.

English Summary: Freckles on face If you have freckles on your face too, then follow these 5 Ayurvedic remedies
Published on: 31 July 2023, 11:43 AM IST

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