हम समय के साथ-साथ मॉडर्न होते जा रहे हैं. बढ़ते समय के साथ हम अपनी संस्कृति, अपने पुराने रहन- सहन को भी भूलते जा रहे है. जिस वजह से कईं तरह की समस्याएं भी पैदा होनी शुरू हो गई है. इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए हमें जरूरत है अपनी जीवनशैली को बदलने की.
आज हम मिट्टी और उसके बर्तनों के बारे में बात करेंगे. पहले के समय में लोग मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाते थे. जिस वजह से वह कईं प्रकार की गंभीर बीमारियों के खतरे से बचे हुए थे. क्योंकि प्रकृति से जुड़ी चीज़े हमें कभी नुकसान नहीं देती. मिट्टी के बर्तन में पकाया खाना पौष्टिक होता है क्योंकि इसमें पके भोजन में मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, मिनरल्स आदि गुण शामिल होते है. यह बर्तन इको-फ्रैंडली होते है.
चलिए आपको मिट्टी से बने बर्तनों के फायदों के बारे में बताएं : -
भोजन का पी.एच लेवल रहता है नियंत्रित
मिट्टी के बर्तन में बनाया गया खाना पौष्टिकता के साथ-साथ हमारे पी.एच लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है क्योंकि इसकी मिट्टी में जाकर एसिड खत्म हो जाते है और पी.एच को नियंत्रित करते है. जिससे हमारे शरीर में एसिटिक कोशिकाएं बढ़ जाती हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का ख़तरा कम रहता है.
मिट्टी के बर्तन में खाना रहता है पौष्टिक
मिट्टी के बर्तन में जो खाना बनता है उस खाने में मिट्टी के तत्व शामिल होते हैं और उसमें से जो गैस निकलती है, मिट्टी का बर्तन उसे बाहर नहीं जाने देता. वह गैस खाने को पौष्टिक तत्व प्रदान करती है जिससे खाना पौष्टिक बनता है.
मिट्टी के बर्तन में खाना स्वादिष्ट बनता है
स्टील, लोहे आदि बर्तनों में बने भोजन में उतना बेहतर स्वाद नहीं आता जितना अच्छा स्वाद मिट्टी के बर्तनों में पके खाने का आता है.
मिट्टी के बर्तनो में बना खाना जल्दी खराब नहीं होता
मिट्टी के बर्तन में खाना बनने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है. जिस वजह से इसका खाना ज्यादा देर तक ताज़ा और पौष्टिक बना रहता है और ज्यादा देर चलता है. जिससे हमारे शरीर को नुकसान भी नहीं होता.