बाजार में कई तरह के फूल हैं, लेकिन गुलाब की मांग हमेशा अधिक रहती है. वैसे हमारे यहां कई किसान भाई इसकी खेती कर रहे हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में उन्हें बहुत अधिक मुनाफा नहीं हो रहा है. विशेषज्ञों की आम राय यही है कि गुलाब की अधिक पैदावार के लिए इसकी खेती वैज्ञानिक विधि से की जानी चाहिए.
पूरा साल फूल देता है गुलाब
गुलाब का पौधा पूरे साल फूल दे सकता है. आम तौर पर इसके एक फूल में 5 पंखुड़ी से लेकर कई पंखुड़ियों तक की किस्में विभिन्न रंगों में उपलब्ध होती है.
तापमान एवं जलवायु
इसकी खेत के लिए ठंडा व शुष्क जलवायु उपयुक्त माना जाता है. इसलिए सर्दियों के दिनों में उत्तर और दक्षिण भारत के मैदानी क्षेत्रों में इसकी खेती होती है. आप इसकी खेती 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में भी कर सकते हैं.
भूमि का चयन
इसकी खेती के लिए आम तौर पर सभी प्रकार की मिट्टी उपयुक्त मानी गई है. लेकिन दोमट, बलुआर दोमट मिट्टी में पैदावार अधिक होने की संभावना होती है. मिट्टी अगर पी एच मान 5.3 से 6.5 तक की हो तो और बेहतर है. ध्यान रहे कि इस पौधे को बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है, इसलिए छायादार या जल जमाव वाली भूमि पर इसकी खेती नहीं करनी चाहिए.
पौधों को लगाने का सही समय
इसकी रोपाई कई तरीको से हो सकती है, लेकिन हम सबसे आसान तरीका आपको बताने जा रहे हैं. इसके रोपण के समय सबसे पहले पॉलीथिन को काटकर हटा देना चाहिए. ध्यान रहे कि इस दौरान पॉलीथिन में भरी मिट्टी नहीं टूटे. इसके बाद खेत की मिट्टी को चारो तरफ से दबा देना चाहिए.
सिंचाई
पौधों को खेतों में लगाते समय ही पहली बार सिंचाई कर देनी चाहिए. इसके बाद नई कलमों को लगातार नमी देने के लिए उसकी सिंचाई की जानी चाहिए. बस ध्यान रहे कि खेत में पानी का भराव ना होने पाए.
निराई-गुड़ाई का काम
अधिक पैदावार पाने के लिए पौधों की निराई-गुड़ाई का काम करना चाहिए. इसकी निराई-गुड़ाई का काम नवम्बर के बाद शुरू करना चाहिए. जनवरी माह के आने तक 3 से 4 बार निराई-गुड़ाई का काम किया जाना चाहिए.
तुड़ाई और छटाई
फूलों को तोड़ते वक्त तेज़ धार वाले चाक़ू या ब्लेड का इस्तेमाल करें. तुड़ाई के बाद इन्हें पानी से भरे बर्तन में रखना चाहिए. आप उसे कोल्ड स्टोरेज में भी रख सकते हैं. इस दौरान लेकिन तापमान करीब 2 से 10 डिग्री तक ही होना चाहिए.