कम समय में अगर आप भी अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो सिंदूरी अनार की खेती आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. इस अनार की बाजार में खास मांग है और इसका उपयोग खाने के अलावा ज्यूस, चॉकलेट, केक, जैली आदि को बनाने के लिए किया जाता है. यही कारण है कि आज इसकी खेती कर किसान लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. चलिए आज आपको इसकी खेती के बारे में बताते हैं.
उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
सिंदूरी अनार की खेती लगभग हर प्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं. इसके खेती के लिए गर्म स्थान उपयुक्त हैं. इसमें अधिक निवेश की जरूरत नहीं होती और पौधों को लगाने के लगभग 3 से 4 साल बाद वो फल देने लग जाते हैं.
पौधा रोपण
खेती से लगभग एक महीने पहले गड्ढे खोद लें. गड्ढे लगभग 60 सेमी लंबे, 60 सेमी चौड़े और 60 सेमी गहरे होने चाहिए. इनकी आपस की दूरी सामान्यतः 4 से 5 मीटर तक होनी चाहिए. इसके बाद लगभग 20 किग्रा पकी हुई गोबर की खाद को इसमें डालकर गड्ढों को भर दें.
सिंचाई
गर्मियों में इसकी खेती को सप्ताह में एक बार सिंचाई की जरूरत है, जबकि सर्दियों के मौसम में 12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए. इसके पौधों के लिए बूंद-बंद सिंचाई फायदेमंद है.
फलों की तुड़ाई
सिंदूरी अनार की तुड़ाई तभी करनी चाहिए, जब फल पक जाएं. बता दें कि लगभग 120 से 130 दिनों बाद फल की तुड़ाई करना बेहतर है.
एक पेड़ से मिलते हैं इतने फल
सिंदूरी अनार की खेती में एक पेड़ से लगभग 100 किलो से अधिक फल मिल सकते हैं. इस तरह देखा जाए तो एक हेक्टयर से 8 से 10 लाख रुपए सालाना कमाई हो सकती है.
25 वर्षों तक मिलता है फल
सिंदूरी अनार के एक पेड़ से लगभग 25 सालों तक फल मिल सकता है. इसके फलों में उच्च मात्रा में विटामिन ए, ई और सी होता है. बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने में सिंदूरी अनार का जवाब नहीं. इसका सेवन त्वचा की ऊपरी परत को सुरक्षित करने के साथ ही कोशिकाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.