भारत में मोगरा काफी लोकप्रिय फूल है. महिलाएं इसका इस्तेमाल गजरे से अपने बालों को सजाने के लिए करती हैं. फूल की महक इतनी लाजबाव होती है कि इसका इस्तेमाल सुगंधित अगरबत्ती बनाने में भी होता है. अनोखी खुशबू के अलावा, मोगरे का फूल कई औषधीय गुणों से भी भरपूर है. इसके जरिए त्वचा और बालों से जुड़ी कई परेशानियों को खत्म किया जा सकता है. यह एक नेचुरल डियोड्रेंट है. इसे नारियल के तेल के साथ इस्तेमाल करने से ड्राई स्कीन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. इसके 10-15 फूलों को रात भर पानी में भिगोकर, बाल धोने से बाल मुलायम और मजबूत होते हैं. इतने सारे गुण होने की वजह से मोगरा की डिमांग काफी है. तभी इसकी खेती करने में भी मुनाफा है.
मोगरे के लिए उपयुक्त मौसम
मोगरे में गर्मियों में सबसे ज्यादा फूल लगते हैं. इसके लिए मार्च से लेकर जुलाई तक का महीना सबसे अच्छा है जैसे-जैसे बारिश बढ़ती जाती है, इसमें फूल कम होते जाते हैं इसके अलावा ध्यान रहे कि मोगरे के लिए हर दिन दो-तीन घंटे की धूप बहुत जरूरी है.
कैसे तैयार करें मिट्टी
मोगरे को गमले में लगाने के लिए कम से कम 12 इंच का गमला होना चाहिए, सॉइल मिक्सिंग के तौर पर, इसमें 80% बगीचे की मिट्टी और 20% वर्मी कम्पोस्ट या पुरानी गोबर की खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है. मिट्टी ज्यादा कड़ी न हो, नहीं तो पौधों को बढ़ने में दिक्कत होती है साथ ही, गमले के निचले हिस्से में एक छोटा से छेद कर, ड्रेनेज सिस्टम को भी मजबूत करें नहीं तो बारिश के दिनों में गमले में अधिक पानी जमा होने लगेगा और इससे पौधे की जड़ें गलने लगेगी.
प्लास्टिक के गमले में कभी न लगाएं मोगरा
जब किसी पौधे पर 5-6 घंटे धूप लगेगी तो प्लास्टिक से हीट जनरेट होगी, जरूरत से ज्यादा हीट मिलने से उसकी जड़ें खराब होंगी और पौधा सूखने लगेगा, इसलिए या तो मिट्टी के गमले में लगाएं या फिर सीमेंट के गमले में लगाएं.
ऐसे करें देखभाल
मोगरे को साल में 3 बार खाद दें, मार्च के पहले हफ्ते में, फिर करीब डेढ़ महीने के बाद अप्रैल में और आखिरी बार जून में, जब पौधा 1-2 साल पुराना हो जाए, तो उसमें बढ़ रही टहनियों को काट दें, इससे पौधे में अधिक फूल आएंगे.
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सिंचाई
मोगरे में दोनों टाइम पानी देना अच्छा रहेगा, वहीं, सर्दियों में एक-एक दिन छोड़कर पानी देना भी काफी फायदेमंद होता है बारिश के दिनों में गमले में अधिक पानी होने से बचाना जरूरी है.