मिट्टी और धूल में अंतर पहचान पाना मुश्किल होता है. लेकिन इनके बीच फर्क को जानना बहुत जरुरी है क्योंकि इससे आपको बागवानी और पौधों के विकास में बड़ी मदद मिल सकती है. एक तरफ मिट्टी पौधों के लिए स्वस्थ होती है। वहीं, दूसरी तरफ धूल पौधे को खराब कर सकती है। तो मिट्टी और धूल के बीच अंतर को आप कैसे पहचान सकते हैं, आइए इसके बारे में जानें।
क्या है मिट्टी
मिट्टी के बिना हम खेती या बागवानी के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। ये एक जीवंत पदार्थ है। जो पौधों के विकास के लिए बहुत आवश्यक है। मिट्टी में खनिज, पानी, हवा, कार्बनिक पदार्थ के अलावा बैक्टीरिया, कवक और कीड़े होते हैं। जो पौधों के बढ़ने और फलने-फूलने में काफी मदद करते हैं। अच्छी क्वालिटी की मिट्टी में पौधे जल्दी विकास करते हैं। स्वस्थ मिट्टी पानी और पोषक तत्वों को बनाए रखने में भी सक्षम है, जो पौधों की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। मिट्टी विभिन्न प्रकारों की होती है। जिनमें रेत और दोमट आदि शामिल हैं। पौधे की विकास में ये मिट्टी एक तरह से अहम भूमिका निभाती हैं। मिट्टी का रंग लाल, काला, सफेद और भूरा होता है।
क्या है धूल
दूसरी ओर धूल भी एक तरह से मिट्टी का ही अंग होती है। लेकिन इसे निर्जीव और बेकार मिट्टी कही जाती है। इसमें खनिज और कार्बनिक पदार्थ तो मिल जाते हैं लेकिन इसमें उन जीवों का अभाव होता है जो मिट्टी को गतिशील बनाने का काम करते हैं। धूल आमतौर पर उन क्षेत्रों में पाई जाती है जहां मिट्टी की ऊपरी परत को हटा दिया जाता है। ये निर्माण स्थल और भारी यातायात वाले क्षेत्र में आसानी से मिल जाते हैं। धूल स्वस्थ मिट्टी की तरह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं कर सकती है। धूल में भारी धातु, कीटनाशक और रसायन जैसे हानिकारक पदार्थ भी हो सकते हैं। ये पौधे में जमा होकर उसे नुकसान पहुंचा सकती हैं। धूल का उपयोग बागवानी के लिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे पौधों की वृद्धि व स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इसमें छोटे छोटे कंकड़ पत्थर भी मिल जाते हैं।
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पौधों के लिए मिट्टी सुरक्षित या धूल
जब पौधे के विकास की बात आती है, तो आमतौर पर मिट्टी को धूल से बेहतर माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मिट्टी में तरह-तरह के कार्बनिक व अकार्बनिक पदार्थ होते हैं. जो पौधों के फलने-फूलने के लिए आवश्यक पोषक तत्व और नमी प्रदान करते हैं। मिट्टी में धूल की तुलना में नमी की क्षमता भी अधिक होती है। वहीं, धूल जल्दी सूख जाती है, जिससे पौधों को बढ़ने में मुश्किल होती है। इसके अलावा, इसमें नमी धारण करने की क्षमता का भी अभाव राहत है। कुल मिलाकर पौधों के लिए धूल सही नहीं होती है।