सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 12 November, 2021 12:00 AM IST
Thai Apple Ber

देश में बहुत से ऐसे किसान हैं जो खेती से ज्यादा मुनाफ़ा नहीं मिलने की वज़ह से निराश हैं. ऐसे में परेशान होने की जरुरत नहीं है, बल्कि आप बागवानी कर अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं. जी हां, यदि आप थाई एप्पल बेर की खेती करेंगे तो मुनाफा आपके पास खुद खींचा चला आएगा.

आजकल बाज़ार में बेर की कई किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें थाई एप्पल बेर की मांग सबसे ज़्यादा है. बेर की ये किस्म दिखने में कच्चे सेब जैसी होती है जो स्वाद में खट्टे-मीठे होते हैं. इसे ‘किसान का सेब’ भी कहते हैं. इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसके कारण बाजार में इसकी भारी मांग है. यही कारण है कि छोटे किसान, जिनके पास छोटे खेत हैं, वे भी अच्छी आमदनी के लिए थाई एप्पल बेर की खेती कर सकते हैं.  

थाई एप्पल बुनियादी जानकारी (Thai Apple basic Information)

यह एक मौसमी फल है, जो थाईलैंड की किस्म है. यह बेर चमकदार और सेव के आकार का होता है. यह भारत की जलवायु के लिए काफी अनुकूल माना जाता है. वैसे यह फल भारतीय बेर से कुछ बड़ा होता है. बेर की थाई और कश्मीरी किस्में आने के कारण किसानों का रुझान इस ओर बढ़ रहा है. भारत में इसकी खेती जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक खूब हो रही है. इसके एक पेड़ से प्रतिवर्ष 40-50 किलो फल का उत्पादन हो जाता है.

थाई एप्पल बेर की खेती कैसे करें?  (How to Cultivate Thai Apple Plum?)

  • Thai Apple Ber  की खेती हर तरह की भूमि में ज्यादा फल-फूल सकती है. इसकी खेती देश के किसी भी राज्य में की जा सकती है जहां जल भराव नहीं हो. और आपको इसकी व्यवस्था नजदीकी विश्वसनीय नर्सरी से करनी पड़ेगी. बता दें कि इस बेर के पौधे के लिए कोई बीज नहीं होता है, बल्कि इसको गराफ्टिंग विधि से लगाया जाता है. नर्सरी में एप्पल बेर के पौधे की किमत लगभग 30-40 रुपये के बीच में मिल जाता है, लेकिन अधिक नमी वाले इलाकों में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए. गराफ्टिंग विधि से तैयार यह पेड़ हाइब्रिड प्रजाति के हैं, जिसकी जड़ तो देशी और तना हाइब्रिड होता है.

  • इस बेर की खेती साल में दो बार जुलाई और अगस्त के महीने व फरवरी और मार्च के महीने में की जा सकती है.

इसे भी पढ़ें: जाने थाई एप्पल बेर के बगीचे लगाने का सही तरीका

  • बेर की बागवानी की शुरुआत में लागत अधिक लगती है, लेकिन बागान लगाने के एक साल बाद लागत कम हो जाती है. एक साल बाद इससे फलों का उत्पादन शुरू हो जाता है. थाई एप्पल का पेड़ एक बार लगाने के बाद 20 सालों तक फल देता है. शुरुआत में एक पेड़ से 30 से 40 किलो तक उत्पादन मिलता है, जो आगे चलकर 100 किलो तक पहुंच जाता है.

थाई एप्पल बेर की ख़ासियत (Specialties of Thai Apple Plum)

  • इस फल में विटामिन सी, ए, बी और शर्करा के साथ-साथ खनिज प्रदार्थ, जस्ता, कैल्शियम आदि लाभदायक खनिज तत्व होते हैं.

  • Apple Ber अन्य बेरों की तुलना में अधिक मीठा, स्वादिष्ठ और गुणवता युक्त होता है.

  • जितने गुण सेब के फल में होती है उतने ही औषधीय गुण इस एप्पल बेर में मौजूद है.

  • सामान्य बेर की तुलना में 2 से 3 गुणा कीमत मिलता है किसानों को भी अच्छी कीमत मिल जाती है.

  • देसी बेरो की तुलना में एप्पल बेर का उत्पादन दो-तीन गुणा ज्यादा होता है.

  • सरकार किसानों को हाइब्रिड बेरो के पौधों पर 50% सब्सिडी भी प्रदान करती है जो 3 सालों में किस्तों से आते हैं.

English Summary: Get more profit by cultivating Thai apple plum, know the way
Published on: 12 November 2021, 03:45 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now