Aaj Ka Mausam: देश के इन 3 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कैसा रहेगा मौसम? Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 21 September, 2019 12:00 AM IST

केंद्र सरकार के द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और केंद्र शासित प्रदेश बने लद्दाख के किसानों की स्थिति अब फूलों के सहारे सुधरेंगी. दरअसल लेह- लद्दाख में केसर सहित दमस्क, गुलाब, कैमोइल, जंगली गेंदा, रोजमेरी, लैवेंडर और डेक्रोसेफेलम फूलों की खेती होगी. इसके लिए सीएसआईआर और आईएचबीटी पालमपुर सुगंधित फसलों की खेती को करने का कार्य करेगा. इन फूलों के लिए वहां की जमीन और जलवायु बेहतर पाई जाती है. लेह और लद्दाख में सुगंधित फूलों की खेती के लिए सीएसआईआर ने लेह और लद्दाख फार्मर्स एंडप्रोडयूसर्स कोऑपरेटिव लिमिटेड लद्दाख के सात समझौता किया है, सिंचाई सुविधाओं से वंचित इस इलाके की उपयोगिता को बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है.

क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी

भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में स्थित लद्दाख का क्षेत्र इस समय करीब 59.14 वर्ग किलोमीटर है. अगर प्रयोग अगर सफल रहा तो आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों की तकदीर बदल जाएगी. साथ ही खेती को तेजी से बढ़ावा देने के लिए अगस्त के महीने में गांव में जागरूकता और प्रशिक्षण किसानों को दिया जा चुका है. यह देखकर वहां के किसानों ने सुगंधित फसलों के लिए अपनी इच्छा जाहिर की है.

सुगंधित फसलों की खेती

लेह में किसानों को जंगली गेंदा, कैमोमाइल, और केसर के बीज के साथ ही कृषि प्रौद्योगिकी की पूरी जानकारी के पैकेज भी प्रदान किए जाएंगे. यहां संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ राकेश बताते है कि लेह क्षेत्र में उच्च मूल्य की सुगंधित फसलों की खेती के लिए बहुत ज्यादा उपयुक्त है.

कई जगह होता फूलों का उपयोग

यहां पर आईएचबीटी के निदेशक संजय कुमार ने बताया कि सुगंधित फसलों को बढ़ावा देने के लिए अरोमा मिशन कार्यक्रम के तहत 5500 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र लाने में निर्णय किया है. सुगंधित पौधों के मूल्य संवर्धन के लिए प्रसंस्करण ईकाई भी अनिवार्य होती है. लेह में इस सुविधा की स्थापना से लेह जिले के स्थानीय किसानों को काफी लाभ होने की उम्मीद है. यहां पर सुगंधित फसल और फूलों से बनने वाले तेल का उपयोग कृषि, खाद्य स्वाद, दवाओं और इत्र जैसी चीजों में ही होता है.

English Summary: Farmers' income will increase in Ladakh with flowers
Published on: 21 September 2019, 06:04 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now