अगले 2 दिन इन राज्यों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना, पढ़ें आईएमडी की लेटेस्ट रिपोर्ट! खेती को बनाए आसान, वीएसटी 165 DI ES इलेक्ट्रिक स्टार्ट पावर टिलर इस्तेमाल कर कम लागत में करें ज्यादा काम! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 15 July, 2020 12:00 AM IST

जल संरक्षण अभियान के तहत हरियाणा सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना को लेकर अच्छी खबर सामने आयी है. बीते समय में प्रदेश सरकार ने घटते जल स्तर को संज्ञान में लेते हुए किसानों से धान की खेती न करने को कहा था. सरकार ने किसानों को ऐसी फसलों का चयन कर उनकी खेती करने की सलाह दी थी जिसमें पानी की लागत कम हो. ऐसे में किसानों ने इसका समर्थन किया और नतीजा यह रहा कि पिछली साल की तुलना में प्रदेश के फतेहाबाद जिले में 8000 हेक्टेयर में धान की रोपाई कम हुई है.साल 2019 की बात करें तो, लगभग एक लाख 28 हजार हेक्टेयर के क्षेत्र में धान की खेती किसानों ने की थी. वहीं इस बार रिपोर्ट्स के मुताबिक एक लाख 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में ही धान की खेती की तैयारी है. वहीं ऐसा माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार होगा कि जिले में धान का रकबा कम होने जा रहा है.

धान की खेती न करने के लिए किसानों ने किया था आवेदन

आपको बता दें कि हज़ारों किसानों ने लगभग 6500 एकड़ के क्षेत्र में धान की खेती न करने के फैसले को लेकर आवेदन तक कर दिया था. किसानों ने ऑनलाइन आवेदन के जरिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना में अपनी सहभागिता दिखाई. इस तरह इन धान किसानों ने इसकी जगह दूसरी फसल लगाने का आवेदन किया.

ये खबर भी पढ़ें: Top CNG Cars: सीएनजी से चलने वाली इन 4 कारों की खरीद से होगी बचत, कीमत 4 लाख से शुरू

सत्यापन को मिलेगी राशि

कृषि विभाग की रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक किसानों के लगभग 4 हजार एकड़ के क्षेत्र का सत्यापन हो चुका है और रिपोर्ट सही होने पर उनको योजना के मुताबिक 2 हजार रुपये उपलब्ध कराये जाएंगे. वहीं इसके बाद दूसरी फसल के लगाने के बाद उसके पकने तक किसानों को 5 हजार रुपये दिए जाएंगे.

कपास और गन्ने की खेती का रुख कर रहें किसान

खेती के लिए ज्यादा भू-जल का दोहन किसानों द्वारा किया जा रहा है जिसका असर खेत की उर्वराशक्ति पर भी पड़ रहा है. क्षेत्र में जल स्तर 50 मीटर से गहरा हो चुका है यानी हम यूँ कह सकते हैं कि यह डार्क जोन के करीब ही है. यही वजह है कि किसान अब धान की खेती को कम करते हुए कपास और गन्ने की खेती का रुख कर रहे हैं.

English Summary: paddy cultivation reduced in 8000 hectares under mera pani meri virasat scheme
Published on: 15 July 2020, 09:07 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now