Farmers Scheme: फसलों की सुरक्षा को लेकर किसान को सबसे अधिक चिंता सताती है. इसके लिए वह मार्केट से महंगे उत्पादों को खरीदते हैं, जिससे फसल में उनकी लागत काफी अधिक लग जाती है और मुनाफा कम होता है. लेकिन अब किसानों को कीटनाशकों पर खर्च करने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. योगी सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. अब फसलों की सुरक्षा के लिए आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को नीम का तेल सब्सिडी पर मिलेगा. राज्य सरकार इसके लिए 75% तक अनुदान देगी.
आइए राज्य सरकार की इस पहल के बारे में विस्तार से जानते हैं ताकि प्रदेश के किसान यूपी सरकार की इस स्कीम का लाभ सही से उठा सके.
कीटों और पशुओं दोनों से मिलेगी फसल को सुरक्षा
नीम का तेल करीब 600 तरह के कीटों को खत्म करने में कारगर है. साथ ही, इसकी तेज गंध और कड़वाहट के कारण आवारा पशु जैसे नीलगाय भी फसल के पास नहीं फटकेंगे. इससे किसानों को दोहरी सुरक्षा मिलेगी – न कीट फसल को नुकसान पहुंचा पाएंगे और न ही जानवर, जिसे किसानों की आय में वृद्धि हो सके.
क्या है योजना में खास
- प्रति लीटर नीम तेल की कीमत 263 रुपए है.
- राज्य सरकार से 75% सब्सिडी मिलेगी.
- किसान को मात्र 65.75 रुपए चुकाने होंगे
- प्रति हेक्टेयर खेत के लिए 2.5 लीटर नीम तेल का इस्तेमाल जरूरी.
- इसे 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना होगा.
किन फसलों में करें इस्तेमाल
कृषि विभाग किसानों को नीम तेल के प्रयोग के लिए विशेष रूप से भिंडी, बैंगन, आलू, टमाटर, करेला, मटर, लौकी, गाजर, मूली और शलजम जैसी सब्जियों में इस्तेमाल के लिए प्रेरित कर रहा है. इससे रासायनिक कीटनाशकों से बचा जा सकेगा और सब्जियों की गुणवत्ता भी सुरक्षित रहेगी.
लाभ क्या होगा?
- रसायनों के बजाय प्राकृतिक सुरक्षा
- फसल की गुणवत्ता में सुधार
- लागत में कमी
- कीटों और जानवरों से सुरक्षा
- बेहतर उत्पादन
कृषि विभाग की इस पहल से किसानों को न सिर्फ कम लागत में अच्छी फसल मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी जहरीले रसायनों से मुक्त सब्जियां खाने को मिलेंगी.
ऐसे करें आवेदन?
अगर आप उत्तर प्रदेश के किसान है और इस सुविधा का लाभ पाना चाहते हैं, तो इसक लिए आपको अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करना होगा. जहां से आपको इस स्कीम के अलावा अन्य कई सरकारी स्कीम की हर एक डिटेल मिल जाएंगी.