बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से "गेंदा फूल विकास योजना" की शुरुआत की है. यह योजना किसानों को पारंपरिक फसलों से हटकर लाभकारी और बाजार में मांग वाली फसलों की ओर मोड़ने का एक बड़ा प्रयास है. गेंदा फूल न केवल घरेलू उपयोग में आता है, बल्कि इसका औद्योगिक और धार्मिक महत्त्व भी बहुत अधिक है. कम समय, कम लागत और अधिक मुनाफे वाली यह खेती अब किसानों की आमदनी का मजबूत जरिया बनती जा रही है.
इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने 'गेंदा फूल विकास योजना' के तहत एक बड़ी पहल की है. इसके तहत किसानों को गेंदा की खेती करने पर प्रति हेक्टेयर 80,000 रुपए की लागत पर 50% तक सब्सिडी दी जा रही है.
50% तक मिलेगा अनुदान
इस योजना के तहत सरकार ने गेंदा फूल की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 80,000 रुपए की इकाई लागत तय की है. इसमें से 50 प्रतिशत यानि 40,000 रुपए की राशि बतौर अनुदान किसानों को प्रदान की जाएगी. यह अनुदान सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और किसानों को समय पर लाभ मिल सके.
क्यों है गेंदा की खेती लाभकारी?
गेंदा एक ऐसा फूल है जिसकी मांग पूरे वर्ष बनी रहती है. यह फूल धार्मिक आयोजनों, पूजा-पाठ, शादी-ब्याह और सजावट के काम में बड़े पैमाने पर उपयोग होता है. इसकी खेती के लिए किसी विशेष मौसम की जरूरत नहीं होती और यह 60-90 दिनों में तैयार हो जाता है. किसानों को इससे साल में दो से तीन बार उत्पादन लेने का मौका मिलता है. इसके अलावा, इसकी खेती में कम बीज लागत और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता होती है. अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में इसकी उपज सबसे अच्छी होती है.
कैसे मिलेगा अनुदान?
बिहार कृषि विभाग और बागवानी निदेशालय के माध्यम से यह सब्सिडी दी जा रही है. किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं.
ऑनलाइन आवेदन के लिए
- राज्य सरकार की बागवानी विभाग की वेबसाइट पर जाएं.
- योजना अनुभाग में जाकर "गेंदा फूल विकास योजना" चुनें.
- इसके बाद गेंदे की खेती पर सब्सिडी हेतु आवेदन करें.
- आवेदन फॉर्म भरकर सभी जरूरी जानकारी सही-सही भरें और सबमिट करें.
अधिक जानकारी कहां से लें?
अगर किसान योजना से जुड़ी अधिक जानकारी चाहते हैं, तो वे अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर योजना से जुड़ी दिशानिर्देश, पात्रता और प्रक्रिया को भी समझ सकते हैं.