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Updated on: 10 December, 2022 11:42 AM IST
आलू की फसल का बढ़ाएं उत्पादन

आलू एक महत्वपूर्ण सब्जी है तथा वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से हम इसके तने का सेवन करते हैं। इसमें पौष्टिक तत्व जैसे लोहा, फास्फोरस, कैल्शियम, पोटाश तथा सोडियम, विटामिन बी, सी एवं प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। गेहूँ, धान तथा मक्का के बाद सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल आलू है। इसका उपयोग सब्जी बनाने, चोखा बनाने, चिप्स आदि बनाए जाने के लिए किया जाता है। भारत में यह सबसे लोकप्रिय सब्जी है तथा इसे सब्जियों का राजा भी कहा जाता है।

पाला क्या है ?

जैसा कि हम सब को पता है कि सर्दियों में सुबह-सुबह खेतों मे बर्फ की बड़ी सी चादर फैली होती है उसी को ही पाला कहते हैं अथवा हवा में मिले वाष्प के छोटे-छोटे कण जो रात का तापमान बहुत कम होने पर एक सफेद चादर के रूप में पेड़-पौधों एवं घास पर जम जाते हैं उसे ही पाला कहते हैं। अधिकाशतः यह ठंडे प्रदेशों जैसे जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं हिमालय की पहाड़ियों आदि स्थानों पर शीत ऋतु दिसम्बर और जनवरी में  देखने को मिलता है।

पाला दो तरह का होता है

  • अभिवहन पाला (एडवेक्टिव

  • विकिरण पाला रेडियेटिव

1) अभिवहन पाला

जब हमारे वातावरण में ठंडी हवाएं चलती हैं इस स्थिति में रात में जो पाला पड़ता है तो उसे हम अभिवहन या एडवेक्टिव पाला बोलते हैं। ऐसी हवा की परत 1-1.5 किमी. हो सकती है तथा चाहे आसमान साफ हो या बादल छाए रहे दोनों ही परिस्थितियों में पाला पड़ सकता है।

2) विकिरण आधारित पाला

जब आसमान बिल्कुल साफ और हवा एकदम शांत हो तब विकिरण या रेडियेटिव पाला पड़ता है। जिस रात पाला पड़ने की आशंका व्यक्त की जाती है उस रात बादल धरती के कम्बल की तरह काम करते हैं जो कि जमीन से ऊपर उठने वाले संवहन ताप को रोक लेते हैं।

पाले से आलू की फसल पर प्रभाव

पाले से आलू की फसल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है जो कि निम्नवत है-

  • शीत ऋतु वाले पौधे सामान्य तापमान से 2 डिग्री सेंटीग्रेड कम तापमान सहने में सक्षम होते हैं तथा इससे कम तापमान होने पर पौधों की बाहर व अन्दर की कोशिकाओं में बर्फ जम जाती है जिससे फसल नष्ट हो जाती है। पाला पहाड़ी क्षेत्रों की फसलों को अधिक प्रभावित करता है।

  • पाले से प्रभावित फसल की पत्तियाँ सूख जाती हैं तथा उनका रंग हरे से कत्थई अथवा मिट्टी के रंग जैसा हो जाता है। ऐसे में पौधों की पत्तियाँ सड़ने से बैक्टीरिया जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है।

  • पाले के कारण अधिकांशतः पौधों की पत्तियाँ सूखने के साथ-साथ पैदावार में भी कमी आ जाती है एवं पत्तियाँ, शाखायें एवं तने के नष्ट होने से पौधों में बहुत सारी बीमारियाँ लग जाती हैं।

आलू की फसल को पाले से बचाने के सुझाव

  • पाला पड़ने की स्थिति में खेत की सिंचाई करनी चाहिए क्योंकि नमीयुक्त खेत में काफी देर तक बनी गर्मी रहती है तथा जमीन का तापमान कम नहीं होता है। ऐसा देखा गया है कि सर्दिओं में फसल की सिंचाई करने से 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ जाता है इसलिए आलू के खेत मे 10 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।

  • खेत के आसपास मेड़ पर उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाले ठंड हवाओं की तरफ घास-फूस तथा अन्य चीजों से धुआँ करना चाहिए जिससे वातावरण में गर्मी आ जाए। इस तरीके से लगभग 4 डिग्री सेल्सियम तापमान बढ़ाया जा सकता है।

  • आलू की फसल को पाले से बचाने के लिए लगभग 20 से 25 दिन का रखा हुआ 4 ली0 मट्ठे के साथ 100 ली0 छाछ के पानी में घोल बना लें और 10 से 15 दिन के अन्तराल पर फसल में दो से तीन बार छिड़काव करें।

  • फसल को पाले से बचाने के लिए गंधक के तेजाब 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करना चाहिए जिससे न केवल पाले से बचाव होता है बल्कि पौधों में रासायनिक सक्रियता एवं लौह तत्व की मात्रा बढ़ जाती है जिससे फसल की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है तथा इसके साथ-साथ फसल जल्दी पकती है।

  • दीर्घकालीन उपाय के लिए खेत की उत्तरी पश्चिमी मेड़ पर तथा बीच-बीच में उचित स्थानों पर वायु अवरोधक पेड़ जैसे शीशम, बबूल, शहतूत, खेजड़ी एवं जामुन आदि के पेड़ लगा देना चाहिए जिससे पाले और ठंड हवाओं के झोंकों से फसल का बचाव हो सके।

  • इसके अलावा हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ किसान भाई शराब का छिड़काव करके आलू के फसल को पाले से बचा रहे हैं तथा किसान भाईयों ने इसे कारगर भी बताया तथा इसके छिड़काव से कोई कीट पतंगे भी फसल को हानि नहीं पहुँचा पाते हैं हालांकि इसकी पुष्टि हम नहीं करते।

लेखक:

1विश्व विजय रघुवंशी, 2राहुल सिंह रघुवंशी

(1, 2शोध छात्र, पादप रोग विज्ञान, आचार्य नरेंद्र  देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या)

raghuvanshi550vv@gmail.com

Mob. no. 9450690865

English Summary: Winter Crop Protection: effect of frost on potato cultivation
Published on: 10 December 2022, 12:06 PM IST

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