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Updated on: 16 November, 2019 4:02 PM IST
Wheat

गेहूं देश की मुख्य फसल है इसकी बुवाई अधिकतर गन्ना और धान के कटाई के बाद की जाती है. गेहूं की बुवाई के दौरान पहले से यह तय कर लेना होगा कि गेहूं की कौन सी किस्म का चयन करें जो कम समय में अधिक उपज दें. आइये हम आपको गेहूं की उन कुछ उन्नत क़िस्मों के बारें में आपको जानकारी देते है जो कम समय में अधिक उपज देते है-

हायब्रिड 65

गेहूं की यह किस्म 130 दिन में तैयार हो जाता है, इसकी पैदावार असिंचित अवस्था में 13 से 19 क्विंटल प्रति हेक्टयर होती है.

सोनालिका

गेहूं की यह किस्म 110 दिनों में पककर तैयार हो जाता है, गेहूं की यह किस्म देरी से बुवाई के लिए उचित है. इसकी पैदावार 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

कल्याण सोना (एच.डी.एम.1593)

 गेहूं की यह किस्म 125 दिन में काटने योग्य हो जाती है, इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 30 से 35 क्विंटल तक होती है.

डब्ल्यू.एच.147

गेहूं की इस किस्म के पकने का समय 125 दिन का होता है. इसका दाना मोटा सरबती होता है, इसकी पैदावार 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

एच.डी. 4530

गेहूं की यह किस्म बोनी कठिया किस्म काला और भूरा गेरूआ निरोधक होती है, इस किस्म के पकने का लगभग समय 130 दिन का होता है. इसकी पैदावार 35 क्विंटल/ हेक्टेयर होती है.

शेरा (एच.डी.1925)

देर से बोने के लिए यह जाति अच्छी मानी जाती है और कम समय 110 दिन में पक जाती है, इसका दाना आकर्षक होता है. इसकी पैदावार लगभग 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

जे.डब्लू.-1106

यह मध्यम अवधि (115 दिन) वाली किस्म है जिसके पौधे सीधे मध्यम ऊंचाई के होते है. यह किस्म सरबती तथा अधिक प्रोटीन युक्त किस्म है जिसकी आसत उपज 40 - 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

English Summary: Wheat Variety: Improved Wheat variety which is best for delayed sowing, know which is that?
Published on: 16 November 2019, 04:07 PM IST

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