Sugarcane farming: भारत में गन्ना एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में से एक है. भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और इस चीनी का मुख्य स्रोत गन्ना है. ऐसे में भारत में गन्ने की खेती कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लेकिन ठीक जानकारी ना होने पर अधिकतर किसान गन्ना की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त नहीं कर पाते हैं, जिसे गन्ने की फसल में फुटाव, मोटाई और लम्बाई सही से नहीं आ पाती है।
कृषि जागरण की पोस्ट में आज हम आपको गन्ने की फसल में अधिक फुटाव, मोटाई, लम्बाई और अधिक उत्पादन के लिए क्या करना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं...
गन्ना बोने से पहले रखें इन बातों का ध्यान(Keep these things in mind before planting sugarcane)
- सबसे पहले किसानों को अपनी फसल से खरपतवार को अलग कर देना चाहिए.
- गन्ने की फसल से किसान खरपतवार को निराई गुड़ाई करके निकाल सकते हैं.
- बुवाई से पहले देसी हल से लगभग 5 से 6 बार जुताई करनी चाहिए,
- ध्यान रहें गन्ने की बुवाई के वक्त खेत में नमी होना जरूरी होती है.
- गन्ने की फसल में सिंचाई का उचित प्रबंधन करें.
खुद के खेत में तैयार करें बीज (Prepare Seeds in their own fields)
अपने ही खेत में किसान गन्ने का बीज अलग से तैयार कर लें. इस दौरान इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि उसमें कीट और बीमारी नहीं होनी चाहिए.अब आपको इन तैयार किए हुए बीज की बुवाई 8 से 10 महीने में करनी है, तो उसका जमाव 10 से 15 प्रतिशत ज्यादा होगा. इस दौरान बीज को जीवाणु रहित करने के लिए बाविस्टिन का घोल बनाकर उसे डीप करके बुवाई करें.
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गन्ने को मोटा कैसे करें? (ganne ko mota kaise kare?)
किसानों के अनुसार, कोराजन गन्ने की खेती के लिये एक बेहतरीन कीटनाशक है. इसके उपयोग से न केवल गन्ने की फसल अच्छी होती है, बल्कि गन्ना लंबा और मोटा भी पैदा होता है. इसलिए इन दिनों किसान गन्ने की फसल के लिये कोराजन का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. गन्ना उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए गन्ने के साथ इस तरह की फसल का चुनाव करें, जो की गन्ने की फसल से प्रतिस्पर्धा ना करें. गन्नी की फसल के साथ आप प्याज, आलू, राजमा, धनिया, मूंग, उड़द जैसी सब्जियों की खेती कर सकते हैं.
गन्ने की खेती में शराब और डिटर्जेंट (Alcohol and detergent in sugarcane cultivation)
इसके अलावा, बहुत से किसानों का मानना है कि शराब और डिटर्जेंट से गन्ने की फसल को अच्छा किया जा सकता है, क्योंकि इसके उपयोग से फसल में कीट नहीं लगते हैं और पैदावार में बढ़ोतरी होती है. इससे गन्ने की फसल मोटे और लंबे पैदा होते हैं. कुछ किसान महंगे कीटनाशकों के बजाय ऑक्सीटोसिन भी यूरिया में मिलाकर डाल रहे हैं. हालांकि, कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, इन तथ्यों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन फिर भी किसान धड़ल्ले से इस नई ‘तकनीक’ का इस्तेमाल कर रहे है.
गन्ने की फसल में मोटाई और लम्बाई (Thick and length in sugarcane crop)
गन्ने की फसल में अच्छे उत्पादन और फुटाव, लंबाई और मोटाई के लिए आपको अपने खेत में जैविक खाद का उपयोगकरना चाहिए. इसके साथ ही गोबर को सड़ाकर उसे अंतिम जुताई से पहले खेतों में डालाना चाहिए. बुवाई करते समय आपको बीजों की निर्धारित दूरी बनाए रखना है.गन्ने के बीज की ज्यादा बुवाई करें, क्योंकि इससे गन्ना धीर-धीरे बढ़ता है और इससे वजन भी ज्यादा होता रहता है. गन्ने के लिए दोमट मिट्टी का खेत सबसे बढिय़ा विकल्प है, लेकिन भारी टोमट मिट्टी को गन्ने की फसल के लिए अच्छा नहीं माना जाता हैं.