किसानों की फसलों की वृद्धि के साथ-साथ आय में वृद्धि के लिए नीम कोटेड यूरिया बेहद फायदेमंद है. नीम कोटेड ना सिर्फ खेती होने वाले खर्च को कम करता है बल्कि यह खेती की की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ती है. जिससे भविष्य में खेत को कोई नुकसान ना हो.
बता दें कि पहले के समय में लोग अपने खेत में नाइट्रोजन की डोज यूरिया के गैर कृषि कार्यों में अधिक मात्रा में इस्तेमाल करते थे. जिस कारण से किसानों को फसल का उत्पादन करने के लिए बहुत इंतजार करना पड़ता था. इस परेशानी के चलते देश के कई क्षेत्रों में गेहूं और धान अधिक की फसल में बहुत परेशानी होती थी, लेकिन खेत में नीम का लेप का प्रयोग करने से वह फसल सिर्फ खेती के कार्यों के लिए ही बची रहती थी. जैसे कि आप सब जानते हैं कि नीम को अच्छी कीटनाशक और वैक्टीरिया रोधी भी माना जाता है, क्योंकि इसके उपयोग से फसल में रोग नहीं लगते है और साथ ही कीड़ो का प्रकोप भी बहुत कम होता है.
तो आइए आज हम कृषि जागरण के इस लेख में नीम कोटेड यूरिया के बारे में जानते है.
क्या है नीम कोटेड यूरिया (What is Neem Coated Urea)
नीम कोटेड यूरिया को बनाने के लिए यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप लगा दिया जाता है. जोकि एक नाइट्रीफिकेशन अवरोधी के रूप में काम करता है.
आपको बता दें कि यह लेप खेत में बहुत ही धीमी गति से अपना काम करता है, जिससे फसलों को अच्छे से नाइट्रोजन पोषक तत्व भरपूर मात्रा में प्राप्त हो जाता है और फसल अच्छे से वृद्धि करती है और किसानों को उसकी फसल का बाजार में अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सके. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार नीम कोटेड यूरिया के इस्तेमाल से खेत में 5 से 10 प्रतिशत तक कम लागत लगती है.
खेती में नीम कोटेड यूरिया के फायदे (Benefits of neem coated urea in agriculture)
- इसके उपयोग से किसानों की आय में वृद्धि होती है.
- इससे खेतों में लागत की कमी आती है.
- किसानों को 5 से 10 प्रतिशत तक यूरिया की बचत.
- खेत का पर्यावरण फसलों के अनुकूल रहेगा और साथ ही जमीन के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है.
- नाइट्रोजन के प्रय़ोग से मृदा उर्वरा को मदद मिलेगी.
- इसे किसानों की फसलों में वृद्धि होगी.
- यूरिया की सब्सिडी की बचत.
नीम कोटेड यूरिया को सरकार ने अनिवार्य किया (Government made Neem coated urea mandatory)
साल 2015 में सरकार ने यूरिया के अधिक मात्रा से इस्तेमाल को सीमित करने और इसकी कालाबाजारी को रोकने के लिए यूरिया उत्पादन को नीम लेपित करना अनिवार्य कर दिया था. जिससे इसका फायदा जरूरतमंद किसानों आसानी से मिल सके.
साल 2016 में गोरखपुर के रासायनिक उर्वरक संयंत्र का शुभारंभ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार किसानों के लाभ के लिए यूरिया नीति पर वर्ष 2015 से काम कर रही है, जिससे किसान भाइयों की यूरिया से जुड़ी हर एक परेशानियों को दूर किया जा सके.