किसान अच्छा मुनाफा पाने के लिए अपने खेत में कई तरह की फसलों को लगाते हैं. ताकि वह हर एक सीजन में खेती-किसानी से लाभ प्राप्त कर सके. किसान अपने खेत में जौ, मक्के आदि फसलें लगाते हैं. लेकिन देखा जाए तो इन फसलों के साथ खेत में कई तरह के पौधे भी उग जाते हैं, जोकि खरपतवार होते हैं. दरअसल, खरपतवार खेत में अपने आप उग जाते हैं और यह फसल को नुकसान पहुंचाने का काम करते है. अगर आपके खेत की भी फसल को खरपतवार बर्बाद कर देती है, तो घबराए नहीं आज हम आपके लिए ऐसी पांच विधियां लेकर आइए हैं, जिसके इस्तेमाल से आप अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं.
बता दें कि खरपतवार खेत में फसल को दिए जाने वाले पानी, प्रकाश और पोषक तत्वों को उपयोग करके फसल की वृद्धि को रोक देते हैं. ऐसे में किसान खेत में इन पांच विधियां का उपयोग करें-
फसल को खरपतवार से बचाने के लिए पांच विधियां
फसल को खरपतवार से बचाने के लिए किसान को फसल बुवाई के समय उपचारित बीजों का ही चयन करना चाहिए. क्योंकि इन बीजों में कीट व रोग लगने का डर नहीं होता है, जिसे खरपतवार से कहीं हद तक मुक्ति मिलती है.
खेत में खरपतवार से मुक्ति पाने के लिए किसान को अपने खेत में ग्रीष्मकालीन जुताई करनी चाहिए. क्योंकि यह जुताई खरपतवार को कम करने में बेहतर मानी गई है. इस कार्य के लिए किसान कल्टीवेटर या फिर अन्य कृषि उपकरण का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरह से खेत में खरपतवार भी नहीं होंगे और साथ ही मिट्टी के पोषक तत्व भी बचे रहेंगे.
किसान को खेत में मल्चिंग विधि से बनी रासायनिक दवा और खाद का अधिक से अधिक से इस्तेमाल करना चाहिए. इस विधि से किसान खरपतवार से तो छुटकारा पाएंगे ही और साथ ही मिट्टी की उत्पादक क्षमता में भी बढ़ोतरी कर सकते हैं. यह भी माना जाता है कि मल्चिंग विधि खेत को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए काफी मददगार है.
खरपतवार पर नियंत्रण पाने के लिए किसान को उचित फसल चक्र को अपनाना चाहिए. यानी कि किसान अपने खेत में सीजन के अनुसार ही फसलों की बुवाई करें. ऐसा करने से खरपतवार उगने की भी संभावना कम होगी और फसल से पैदावार भी अच्छी प्राप्त होगी.
ये भी पढ़ें: अजवायन की फसल को खरपतवार और कीट-रोग से कैसे सुरक्षा करें?
किसान खेत में सहफसलों की खेती जरूर करें. ऐसा करने से खेत में खरपतवार पर नियंत्रण बना रहता है और वहीं किसानों को एक साथ दो फसलों की खेती से लाभ प्राप्त होता है.