GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 November, 2022 4:11 PM IST
New Wheat Variety: विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने विकसित की गेहूं की VL 2041 प्रजाति

VL 2041 Wheat variety : हमारे देश के कृषि वैज्ञानिक समय समय पर किसानों के लिए नए आविष्कार तथा नई तकनीक लेकर आते हैं, ताकि किसानों के कार्य में आसानी हो.इसी कड़ी में विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक ऐसी प्रजाति विकसित की है, जिसका उपयोग बिस्किट बनाने में किया जा सकता है. विकसित की गई इस नई प्रजाति का नाम है वी. एल 2041 (VL 2041) , जिसे वीएल कुकीज के नाम से भी जाना जाता है. इसका उपयोग बेकरी के उत्पाद बनाने आदि में किया जाएगा.

इन राज्यों के लिए है उपयुक्त

विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा विकसित की गई वीएल 2041 प्रजाति उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के राज्यों उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू एवं कश्मीर तथा मणिपुर के लिए बेहद उपयुक्त है. इसके अलावा इसे पूरे देश में भी उगाया जा सकता है.

कब हुई विकसित

वीएल 2041 गेहूं की प्रजाति की पहचान 61वीं अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ शोधकर्ताओं की वार्षिक बैठक के दौरान समिति द्वारा की गई. 

बेकरी कार्यों के लिए है उपयुक्त

भारत की जनसंख्या को देखें तो यहां का बाजार हर एक वस्तु के लिए उपयोगी है. बाजार में बेकरी उत्पादों की मांग बेहद अधिक है, फिर चाहे कोई भी शुभ अवसर हो या फिर सुबह शाम की चाय, लोग इस दौरान बेकरी वस्तुओं का ही सेवन करते हैं. 

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बेकरी में कौन से आटे का उपयोग होता है. बेकरी के उत्पादों में अक्सर मैदे का इस्तेमाल होता है, जो कि सेहत के लिए हानिकारक है, या फिर गेहूं में कुछ केमिकल पदार्थों का उपयोग किया जाता है ताकि आटे की गुणवत्ता बिस्किट बनाने के लिए उपयुक्त बन पाए. लेकिन अब इस समस्या का समाधान अल्मोड़ा के कृषि वैज्ञानिकों ने निकाल लिया है. जो कि बेकरी उत्पादों के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है. इस प्रजाति में वह सारे गुण मौजूद हैं जो एक बिस्किट बनाने के लिए चाहिए.

यह भी पढ़ें: Rudraksh Farming: रूद्राक्ष की खेती से मुनाफा कमा रहे किसान, लाखों में बिकता है 1 फल

वीएल 2041 गेहूं की खासियत

अखिल भारतीय परीक्षणों में उपराऊं दशा में तीन वर्षों में औसत उपज 29.06 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, जबकि सिंचिंत दशा में 49.08 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दर्ज की गई. जो कि वी0एल गेहूं 907, एच0पी0डब्ल्यू 349, एच0 एस0 507 से कई फीसदी अधिक है. इसके अलावा यह प्रजाति गेहूं में लगने वाले गेहूं ब्लास्ट रोग के खिलाफ भी प्रतिरोधी हैं. साथ ही यह भूरा तथा पीला रतुआ रोग से भी लड़ने में सक्षम है.

English Summary: Vivekananda Hill Agricultural Research Institute developed New Wheat Variety VL 2041
Published on: 26 November 2022, 04:18 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now