बढ़ती महंगाई के दौर में बाजार में एक से बढ़ कर एक महंगी चीजें मिल रही हैं. क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कोई फसल ( Crop ) भी इतनी महंगी हो सकती है. इस दुनिया में एक ऐसी फसल है जो चांदी जितनी महंगी है
और बाजार में खूब उपयोग की जाती है. जिस फसल की बात हम कर रहे हैं उसका नाम वनीला है. इसका उपयोग आइसक्रीम में फ्लेवर के रूप में किया जाता है. गत सालों की बात करें तो कम्पनी वाले वनीला जिस कीमत पर खरीद रहे थे, आज वे तीस गुना से भी ज्यादा कीमत चुका रहे हैं.
मुश्किल होती है वनीला की खेती
वनीला की खेती एक मुश्किल काम है. वनीला से इसका अर्क निकाला जाता है. यही वजह है कि केसर के बाद ये दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फसल है. मैडागास्कर के अलावा पपुआ न्यू गिनी, भारत और यूगांडा में इसकी खेती होती है. दुनिया भर में इसकी मांग है. अमेरीका अपनी बड़ी आइसक्रीम इंडस्ट्री की वजह से काफी वनीला खपत करता है. न केवल आइसक्रीम, बल्कि वनीला का इस्तेमाल मिठाइयों और शराब से लेकर परफ्यूम तक में होता है.
अगर आप खेती में ज्यादा लाभ कमाना चाहते हैं तो वनीला आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है. आप वनीला की खेती करके मोटी कमाई कर सकते हैं. वनीला के फल की कई देशों में खूब मांग है. भारतीय मसाला बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में जितनी भी आइस्क्रीम बनती है, उसमें से 40 प्रतिशत वनीला फ्लेवर की होती हैं. वनीला की मांग भारत की तुलना में विदेशों में ज्यादा है. ऐसे में माल विदेश भेजने पर बड़ा मुनाफा होता है.
दुनिया का 75 प्रतिशत वनीला मैडागास्कर में ही पैदा होता है. भारत में इसकी कीमतों में उछाल होता रहता है. हालंकि मूल्य स्तर कितना भी हो वनीला उत्पादक को कभी घाटे का मुंह नही देखना पड़ता.
क्या है वनीला ?
वनीला आर्किड परिवार का एक सदस्य है. यह एक बेल है जिसका तना लंबा और बेलनकार होता है. इसके फल सुगंधित और कैप्सूल के आकार के होते हैं. फूल सूख जाने पर खुशबूदार हो जाते हैं और एक फल से ढेरों बीज मिलते हैं.
खेती के लिए जरूरी बातें
वनीला की खेती करने के लिए वातावरण का खास ध्यान देना पड़ता है. वनीला की फसल को ह्यूमिडिटी, छाया और मध्यम तापमान की जरूरत होती है.
इसके लिए शेड हाउस बनाकर फव्वारा विधि से इसके अनुरूप वातावरण तैयार किया जा सकता है.
25 से 35 सेंटीग्रेट तक का तापमान वनीला के पैदावार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. हालांकि पेड़ों से छनकर आती रोशनी वनीला की फसल के लिए ज्यादा अच्छी मानी जाती है.
अगर आपके खेत में बाग है तो आप इंटरक्रॉप की तरह इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं.
धैर्य की है आवश्यकता
वनीला की फसल 3 वर्ष बाद पैदावार देना शुरू करती है
कैसी होना चाहिए मिट्टी
वनीला की खेती के लिए मिट्टी भुरभुरी और जैविक पदार्थों से भरपूर होना चाहिए. मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए.
कैसे लगाएं
वनीला की बेल लगाने के लिए कटिंग या बीज दोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है
बेल लगाने के लिए मजबूत और स्वस्थ कटिंग कर लें
जब वातावरण में नमी हो तब आप इसकी कटिंग को लगा सकते हैं.
वनीला लगाने से पहले गड्ढे बनाकर उनमें पूरी तरह से सड़ी गली खाद डाली जाती है.
कटिंग को मिट्टी में न दबाएं बल्कि सतह के ऊपर बस थोड़ी सी खाद और पत्तों से ढक दें.
बेल को फैलने के लिए तार बांधी जाती है.
फसल लगाने के बाद के गोबर से तैयार खाद, केंचुए की खाद आदि डालते रहना चाहिए
दिन के अंतराल में फव्वारा विधि से पानी देना चाहिए.
बेल को तारों के ऊपर फैलाया जाता है जिसकी ऊंचाई 150 सेमी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
फूल से लेकर फलियां पकने तक में 9 से 10 माह का समय लग जाता है.
वनीला को पूरी तरह पकाने के लिए क्युरिंग, स्वेटिंग, ड्राइंग और कंडिशनिंग की प्रोसेस से निकलना होता है, इसके बाद वनीला तैयार होता है.
बहरहाल भारत के ठंडे स्थान वनीला की खेती के लिए उपयुक्त है और यह किसानों के लिए मुनाफे का द्वार खोल सकती है.