गांव में ताजी सब्जियां आसानी से मिल जाती है लेकिन शहरी लोगों के पास ताजी सब्जियां मुश्किल से पहुंच पाती है. ऐसे में यदि आप शहर में रहकर ताजी सब्जी खाना चाहते हैं तो हरियाणा के रिवाड़ी की रहने वाली वरिष्ठ चिकित्सक डा. सीमा मित्तल का ये फॉर्मूला आजमा सकते है. तो आइये जानते हैं डॉ मित्तल का फॉर्मूला.
किचन गार्डन में उगाती है सब्जियां
पिछले कई सालों से डा. मित्तल अपने किचन गाॅर्डन में ही हरी सब्जियां उगा रही है. बैंगन, हरी मिर्च, तोरई, घिया समेत कई सब्जियां उनके किचन गार्डन उपलब्ध होती है. वे बाजार से न के बराबर सब्जियां खरीदती है. घर में उनकी सब्जी की पूर्ति किचन गार्डन से ही हो जाती है. उन्होंने अपने आवास के अलावा अस्पताल की छत पर भी किचन गार्डन बना रखा है. जहां कई तरह की सब्जियां मिल जाती है.
आर्गेनिक सब्जियां उगाती है
डा. मित्तल का कहना है उन्होंने जून जुलाई महीने में कुछ सब्जियां का बीज लगाया था जिससे अब एक दम ताजी सब्जियां मिल रही है. उनका कहना है कि उनके किचन गार्डन की सब्जियां ताजी होने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है. दरअसल, वे आर्गेनिक तरीके से ही सब्जियां उगाती है. खाद या दवाईयां आर्गेनिक ही डालती है. दीमक और कीटाणु से सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए नीम का तेल डालती है. दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि थोड़ी मेहनत से वे सब्जियों पर होने वाले हजारों रूपए की बचत कर लेती है.