एक फलते-फूलते बगीचे या सफल फसल के लिए स्वस्थ पौधे आवश्यक हैं. पोषक तत्वों की कमी पौधों के विकास को प्रभावित कर सकता है, जिससे विकास रुक जाता है, पत्तियां पीली हो जाती हैं और फल या फूल का उत्पादन खराब हो जाता है. हम आपको आज पौधों में किस तत्व की कब कमीं हो रही है इसकी जानकारी देंगे.
पौधों के पोषक तत्वों को समझना
पौधों को अपनी वृद्धि और विकास के लिए कई आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. इन पोषक तत्वों को मोटे तौर पर दो समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है: मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स.
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients):
पौधों को इनकी बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है और इसमें नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटेशियम (K), कैल्शियम (CA), मैग्नीशियम (MG), और सल्फर (S) शामिल हैं.
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सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients)
इनकी आवश्यकता कम मात्रा में होती है और इसमें आयरन (Fe), मैंगनीज (Mn), जिंक (Zn), तांबा (Cu), बोरान (B), मोलिब्डेनम (Mo), और क्लोरीन (Cl) शामिल हैं.
पोषक तत्वों की कमी के लक्षणों को पहचानना
पोषक तत्वों की कमी अक्सर पौधों की पत्तियों, तनों और उनकी वृद्धि पर उनके लक्षणों के आधार पर दिखाई देती है. आज हम आपको कुछ सामान्य लक्षणों के आधार पर आपको यह बतायेंगें कि कैसे आप किसी पौधे में किस तत्व की कमीं को पहचानेंगे.
नाइट्रोजन (N) की कमी: पुरानी पत्तियों का पीला पड़ना (क्लोरोसिस) जो सिरों से शुरू होकर अंदर की ओर फैलता है, विकास रुक जाता है.
फास्फोरस (P) की कमी: लाल-बैंगनी रंग के साथ गहरे हरे पत्ते, पुरानी पत्तियां नीली-हरी या भूरी हो सकती हैं और मुड़ सकती हैं.
पोटेशियम (K) की कमी: पत्तियों के किनारों और सिरों का पीला या भूरा होना, तने कमजोर होना.
आयरन (Fe) की कमी: नई पत्तियों पर इंटरवेनल क्लोरोसिस (नसों के बीच पीलापन), पत्तियां सफेद या पीली हो सकती हैं.
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मैग्नीशियम (Mg) की कमी: पुरानी पत्तियों पर इंटरवेनल क्लोरोसिस, पत्तियां लाल-बैंगनी या मुड़ी हुई हो सकती हैं.
कैल्शियम (Ca) की कमी: नई पत्तियाँ विकृत हो सकती हैं, और सिरे वापस मर सकते हैं, फलों में फूल के सिरे सड़ सकते हैं.
सल्फर (एस) की कमी: नई पत्तियों का पीला पड़ना, रुका हुआ विकास और बीज और फलों का उत्पादन कम होना.
सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी: यह सूक्ष्म पोषक तत्व के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं. उदाहरण के लिए, आयरन की कमी से इंटरवेनल क्लोरोसिस दिखाई देता है, जबकि जिंक की कमी से पत्तियां छोटी और विकृत हो जाती हैं.
अगर आप इन लक्षणों को किसी भी पौधे में देखते हैं तो आप यह बहुत ही आसानी से पता लगा सकते हैं कि उस पौधें में किस तत्व की कमी है. एक बार लक्षण का पता चल जाए तो आप उसके अनुसार उसका उपचार आसानी से सर्च कर सकते हैं.